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माइग्रेन का दर्द यदि कर रहा है परेशान तो अपनाए ये ट्रिक्स

आयुर्वेद विशेषज्ञ डाक्टर अनुराग विजयवर्गीय के अनुसार तेज लाइट  आवाज के अतिरिक्त ज्यादातर रूखा भोजन करना, पहले खाए हुए भोजन को पूरी तरह से पचने से पहले ही दोबारा कुछ खा लेना, मल-मूत्र के वेगों को रोक कर रखना, आवश्यकता से ज्यादा मेहनत या व्यायाम करना, दिन के समय सोना आदि अहम हैं. इसके अतिरिक्त धूम्रपान, गर्भ निरोधक दवाएं लेना, तनाव, दिमाग में उपस्थित रक्त की आपूर्ति करने वाली धमनियों का सिकुडऩा भी अन्य कारणों में शामिल है.


चोकर की चाय : दस ग्राम चोकर (आटे की भूसी) एक गिलास पानी में चाय की तरह उबालें. इसमें दूध और शक्कर मिलाकर सुबह-शाम चाय की तरह पीएं. यह नजला, जुकाम  सिरदर्द में लाभकारी है. बढ़ती आयु का प्रभाव रोकने के लिए इस चाय में पांच बादाम गिरी भी महीन पीसकर मिला सकते हैं.
खानपान कैसा हो : फास्ट फूड, डिब्बाबंद चीजें, खमीर वाली चीजें, उड़द की दाल, चावल, बैंगन, अमचूर, आलू, केला आदि न खाएं. इनके बजाय खिचड़ी, गेहूं की रोटी, हरी पत्तेदार सब्जियां, सूखे मेवे, अंगूर, अनार, साबुत अनाज, मूंग की दाल से बनी चीजें आदि खाएं.

ये ढंग अपनाएं :
*माइग्रेन के दर्द के समय नाक की जिस तरफ दर्द हो उस करवट कुछ देर लेट जाएं.
*अच्छी नींद के लिए नाक में बादाम रोगन या षड्बिंदु ऑयल की 4 बूंदें डालें.

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