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MISSION SHAKTI Phase-IV: डब्ल्यूएचओ के अनुसार महिलाओं को स्वस्थ रहने के लिए 60 मिनट का व्यायाम अति आवश्यक

पारिश्रमिक देने के नाम पर योगी सरकार मानदेय बढ़ाने की घोषणा करती है कि मानदेय बढ़ा दिया गया लेकिन…..

लखनऊ। लखनऊ विश्वविद्यालय के गणित एवं खगोल विज्ञान विभाग में, शनिवार को, मिशन शक्ति के अंतर्गत एक कार्यक्रम ‘मिशन शक्तिः चरण-4’ का आयोजन किया गया जो कि उत्तर प्रदेश सरकार की एक पहल है। कार्यक्रम का आयोजन प्रोफेसर पूनम शर्मा विभागाध्यक्ष एवं मिशन शक्ति की मुख्य संयोजिका प्रोफेसर मधुरिमा लाल तथा समन्वयक डॉ अनुपमा रस्तोगी द्वारा माननीय कुलपति प्रोफेसर आलोक कुमार राय के दिशा निर्देशन में संयुक्त रूप से किया गया।

MISSION SHAKTI: महिलाओं को स्वस्थ रहने के लिए 60 मिनट का व्यायाम अति आवश्यक

कार्यक्रम के मुख्य वक्ता के रूप में डॉ मीनाक्षी त्रिपाठी, प्राचार्या, कृष्णा देवी गर्ल्स डिग्री कॉलेज लखनऊ उपस्थित रही। डॉक्टर त्रिपाठी ने महिलाओं की सुरक्षा विषय पर व्याख्यान दिया। अपने वक्तव्य में श्रीमती त्रिपाठी ने मिशन शक्ति के उद्देश्य एवं उपयोगिता पर प्रकाश डालते हुए महिला सुरक्षा की तकनीकिया बताते हुए पावर पॉइंट के माध्यम से उन्हें दर्शाया।

उन्होंने इस बात पर विशेष बल दिया कि डब्ल्यूएचओ के अनुसार महिलाओं के शारीरिक रूप से स्वस्थ रहने के लिए सप्ताह में कम से कम 3 से 4 दिन तक 60 मिनट का व्यायाम अति आवश्यक है एवं यह संदेश दिया कि बेटियों की सुरक्षा के लिए केवल बेटियों को समझाने से ही नहीं होगा बेटो को भी समझाना होगा। समाज के सर्वांगीण विकास के लिए महिलाओं की सुरक्षा अति महत्वपूर्ण है।

लखनऊ विश्वविद्यालय में मिशन शक्ति की मुख्य संयोजिका डॉ मधुरिमा लाल ने कहा कि नारी को जन्म से ही ईश्वरीय शक्तियां प्राप्त है। पौराणिक कथाओं के अनुसार शक्ति स्वरूप मां दुर्गा, बुद्धि स्वरूप मां सरस्वती आदि अनेक देवियां नारी का ही प्रतिरूप है। हमें केवल अपना दृष्टिकोण बदलने की आवश्यकता है। गणित विभाग की विभागाध्यक्ष प्रोफेसर पूनम शर्मा ने इस बात पर विशेष

जोर दिया कि स्वस्थ शरीर में ही स्वस्थ दिमाग रहता है, इसलिए बेटियों एवं समाज के विकास के लिए सर्वप्रथम शारीरिक रूप से मजबूत रहना जरूरी है, उन्होंने महिला अधिकारों पर भी चर्चा की एवं महिला की शिक्षा सम्मान एवं सुरक्षा में पुरुषों के अहम योगदान पर भी बल देते हुए राज्य सरकार द्वारा उठाए गए कदमों एवं सुरक्षा नियमों की भी विस्तृत जानकारी दी।

कार्यक्रम की भूमिका एवं उद्देश्य पर प्रकाश डालते हुए कहा कि यद्यपि समय के साथ समाज में पुरुषों का पर्याप्त सहयोग मिल रहा है, परंतु सुदूर क्षेत्रों में बेटियों को जागरूक करने हेतु ऐसे कार्यक्रमों की अत्यंत आवश्यकता है। कार्यक्रम के अंत में डॉ अनुपमा रस्तोगी ने मुख्य वक्ता एवं सभी श्रोताओं को धन्यवाद ज्ञापित किया।

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