भारत के प्रधानमंत्री आज से दो दिवसीय नेपाल दौरे पर रवाना हो गए है। वहां पहुंचते ही प्रधानमंत्री Janakpur जनकपुर के जानकी मंदिर में पूजा कर इस दौरे की शुरुआत करेंगे। इस मंदिर में जाने से दोनों देशो के सांस्कृतिक रिश्ते और भी मजबूत होंगे। नेपाल के जानकी मंदिर, जनकपुर से भारत का भी बहुत खास नाता है।
माता जानकी की जन्मस्थली है Janakpur
Janakpur जनकपुर या जनकपुरी का जिक्र रामायण में भी मिलता है। यहीं पर राजा जनक को को सीता/जानकी मिलीं थीं। इसीलिए इसे जनकपुर धाम भी कहा जाता है।
18वीं सदी में स्थापित हुआ था जनकपुर धाम
- जनकपुर नेपाल के सांस्कृतिक और धार्मिक पर्यटन का केंद्र है।
- जनकपुरधाम की स्थापना 18वीं सदी में हुई थी।
- जनकपुर धाम विधेय राजवंश की राजधानी हुआ करता था जिसने प्राचीन समय में मिथिला पर राज किया था।
- जनकपुर काठमांडू से 123 किलोमीटर दूर है और यह नेपाल का सांतवा सबसे ज्यादा आबादी वाला शहर है।
- राजा जनक का महल यहीं जनकपुर में था। रामायण के अनुसार राजा जनक को यहीं पर एक छोटी बच्ची मिली थी जिनका नाम उन्होंने सीता रखा।
- जनकपुर में आज भी वह जगह मौजूद है जहां पर भगवान श्रीराम और माता सीता का विवाह हुआ था।
- भगवान शिव के जिस धनुष को स्वंयवर में श्रीराम ने तोड़ा था उसे भी जनकपुर में ही छोड़ा गया था।
- जनकपुर के इस मंदिर को बनाने में 9 लाख रुपए लगे थे, इसीलिए इसे ‘नौलखा मंदिर’ भी कहा जाता है।
रामायण सर्किट का उद्घाटन करेंगे प्रधानमंत्री मोदी
जनकपुर में आज पीएम मोदी के सम्मान के लिए नेपाल की सरकार की ओर से एक कार्यक्रम आयोजित किया जा रहा है। इसके बाद मोदी माता जानकी के मंदिर में पूजा कर कार्यक्रम की शुरुआत करेंगे। बता दें पीएम मोदी का स्वागत बारहबिघा मैदान पर किया जा रहा है जहाँ पीएम मोदी कार्यक्रम में आए लोगों को संबोधित करेंगे। इसके बाद भारत और नोपल के पीएम साथ में यहां पर रामायण सर्किट का उद्घाटन करेंगे। तत्पश्चात पीएम मोदी मुक्तिनाथ मंदिर जाएंगे और पोखरा में भारतीय दूतावास के पेंशन कैंप का दौरा भी करेंगे।