वाराणसी। मनोज कुमार शर्मा, उप महानिरीक्षक, 11 एनडीआरएफ वाराणसी की अध्यक्षता में “बाढ़ पूर्व तैयारी एवं एनडीआरएफ टीमों की तैनाती” इत्यादि विषयों के संबंध में प्रेस वार्ता का आयोजन गौतम बुद्ध भवन, मकबूल अलम रोड, वाराणसी परिसर मे किया गया। मनोज कुमार शर्मा ने बताया कि मानसून सीजन ने उत्तर प्रदेश एवं मध्य प्रदेश में दस्तक दे दी है। इस संदर्भ में एनडीआरएफ लगातार आईएमडी, सीडब्ल्यूसी, सिंचाई विभाग, नेपाल जल विज्ञान और मौसम विज्ञान इत्यादि एजेंसियों के साथ लगातार संपर्क में है और मानसून की गतिविधियों पर लगातार नजर बनाए हुए हैं।
साथ ही उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश शासन, एसडीएमए, राहत आयुक्त, एसडीआरएफ से समन्वय बनाते हुए टीम को प्रीपोजिशन कर दिया गया है। जिसमें बहराइच, गोरखपुर, लखीमपुर खीरी, लखनऊ, भोपाल एवं जबलपुर मे 01-01 टीमें बाढ़ राहत हेतु तैनात है। वाराणसी में दशाश्वमेध घाट एवं राजघाट घाट मे 01-01 टीम बाढ़ राहत तथा सावन महोत्सव हेतु तैनात है।
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वाराणसी में गंगा घाटों पर एनडीआरएफ टीम वाटर एंबुलेंस के साथ तैनात रहती है। जिससे आपातकालीन स्थिति में लोगों के जीवन की रक्षा की जा सके। वाटर एम्बुलेंस में आधुनिक उपकरणों के साथ प्रशिक्षित एवं अनुभवी पेरामैडिक्स तैनात रहते हैं, जो आपात स्थिति में तत्कालीन उपचार देकर घायल व्यक्ति को नदी के रास्ते नज़दीकी अस्पतालों तक पहुँचाने में बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
वाराणसी जनपद और आसपास के क्षेत्रों के लिए 04 टीमें सभी संसाधनों के साथ तैयारी हालत में वाहिनी मुख्यालय में मौजूद है। इसके साथ ही क्षेत्रीय प्रतिक्रिया केंद्र लखनऊ, गोरखपुर एवं भोपाल में भी शेष टीमों को तैयारी हालत में रखा गया है। उन्होनें यह भी बताया कि अत्यंत गंभीर स्थिति में जरुरत पड़ने पर देश के दूसरे हिस्सों की एनडीआरएफ टीमों को भी एअरलिफ्ट (Airlift) के द्वारा उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश के प्रभावित इलाकों में तैनात किया जा सकता है।
एनडीआरएफ राहत-बचाव कार्यों के साथ-साथ पर्यावरण संरक्षण में भी अपनी अहम भूमिका निभाती आई है और राज्य सरकार को सहयोग करते हुए वृक्षारोपण अभियान के तहत बृहद पैमाने पर फलदार एवं छायादार पेड़ों को लगाया गया हैं। अभी वर्तमान में भी वाहिनी के बचाव कर्मियों के द्वारा वाराणसी, चंदौली, गोरखपुर, लखनऊ, भोपाल एवं तैनाती वाले अन्य जिलों में भी लगातार पौधारोपण अभियान जारी है।
रिपोर्ट-संजय गुप्ता