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फाइलेरिया उन्मूलन के लिए मॉप अप राउंड आज कल से

• छूटे हुए और प्रतिरोधी परिवारों को दो सितंबर तक खिलाई जायेगी फाइलेरिया रोधी दवा

• 12.31 लाख लोगों ने किया फाइलेरिया रोधी दवा का सेवन

औरैया। जिले में फाइलेरिया उन्मूलन के लिए चलाये गये ‘सर्वजन दवा सेवन’ अभियान के तहत लोगों को घर-घर जाकर फाइलेरिया रोधी दवा का सेवन कराया गया। अभियान का सोमवार को समापन हो गया, लेकिन जो परिवार किन्हीं कारणों से छूट गए हैं और जिन्होंने प्रतिरोध करते हुए अभी तक फाइलेरिया रोधी दवा का सेवन नहीं किया है, उनके लिए मॉप राउंड चलाया जा रहा है। मॉप अप राउंड मंगलवार से शुरू होगा और दो सितंबर तक चलेगा। यह जानकारी मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) डॉ सुनील कुमार वर्मा ने दी।

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सीएमओ ने कहा कि फाइलेरिया लाइलाज बीमारी है। इसको रोकने के लिए बचाव ही एकमात्र उपाय है। इसलिए वर्ष में एक बार चलने वाले फाइलेरिया उन्मूलन अभियान के तहत फाइलेरिया रोधी दवा का सेवन जरूर करें। फाइलेरिया किसी भी व्यक्ति को हो सकता है। यह न तो अमीर देखता है और न गरीब l इसलिए भ्रम न पालें और दवा का सेवन जरूर करें।

फाइलेरिया उन्मूलन के लिए मॉप अप राउंड आज कल से

वेक्टर बॉर्न डिजीज कार्यक्रम के नोडल अधिकारी डॉ राकेश सिंह ने कहा कि 27 अगस्त तक 12 लाख 32 हजार 682 लोगों को फाइलेरिया रोधी दवा का सेवन कराया जा चुका है। शेष लोगों को मॉप अप राउंड में दवा खिलाई जाएगी। उनका कहना है की अब भी लोगों के मन में भ्रम है “हम तो स्वस्थ हैं, फिर दवा का सेवन क्यों करें।” लोगों का कहना है कि जिसको फाइलेरिया हो गया है उसको दवा खिलाओ “हम क्यों खाएं” उन्होंने अपील की है कि यह दवा दो वर्ष से ऊपर के सभी लोगों को खानी है। गर्भवती, दो वर्ष से छोटे बच्चे और गंभीर रूप से बीमार लोगों को इस दवा का सेवन नहीं करना है।यह दवा फाइलेरिया से आपको सुरक्षा प्रदान करेगी।

फाइलेरिया के लक्षण 

नोडल अधिकारी डॉ राकेश सिंह ने बताया कि फाइलेरि या मच्छरों के काटने के बाद व्यक्ति को बहुत सामान्य लक्षण दिखते हैं। अचानक बुखार आना (आमतौर पर बुखार 2-3 दिन में ठीक हो जाता है), हाथ-पैरों में खुजली होना, एलर्जी और त्वचा की समस्या, स्नोफीलिया, हाथों में सूजन, पैरों में सूजन के कारण पैर का बहुत मोटा हो जाना, पुरुषों के जननांग और उसके आस-पास दर्द व सूजन होना, पुरुषों के अंडकोष व महिलाओं के स्तन में सूजन आना फाइलेरिया के लक्षण हैं। उन्होंने बताया कि यह लाइलाज बीमारी है, एक बार बीमारी हो जाने पर जिंदगी भर इसके साथ ही जीना पड़ता है। इसलिए फाइलेरिया के रोगी को हमें मानसिक सांत्वना देने की जरूरत है।

साइड इफेक्ट्स ने घबराएं 

उन्होंने बताया कि अभियान के दौरान स्वास्थ्य कार्यकर्ता अपने सामने ही फाइलेरियारोधी दवा का सेवन करवाएंगे। दवा खाली पेट नहीं खानी है। दवा खाने के बाद किसी-किसी को जी मिचलाना, चक्कर या उल्टी आना, सिर दर्द, खुजली की शिकायत हो सकती है, ऐसे में घबराने की जरूरत नहीं है। यह एक सामान्य प्रक्रिया है। ऐसा शरीर में फाइलेरिया के परजीवी होने से हो सकता है, जो दवा खाने के बाद मरते हैं। ऐसी प्रतिक्रिया कुछ देर में स्वतः ठीक हो जाती है।

ऐसे करें बचाव 

फाइलेरिया से बचाव के लिए मच्छरों से बचना जरूरी है और मच्छरों से बचाव के लिए घर के आस-पास पानी, कूड़ा और गंदगी जमा न होने दें। घर में भी कूलर, गमलों अथवा अन्य चीजों में पानी न जमा होने दें। सोते समय पूरी बांह के कपड़े पहने और मच्छरदानी का प्रयोग करें। यदि किसी को फाइलेरिया के लक्षण नजर आते हैं तो वे घबराएं नहीं। स्वास्थ्य विभाग के पास इसका पूरा उपचार उपलब्ध है। विभाग स्तर पर मरीज का पूरा उपचार होता है। इसलिए लक्षण नजर आते ही सीधे सरकारी अस्पताल जाएं।

रिपोर्ट-शिव प्रताप सिंह सेंगर

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