केंद्रीय संस्कृति व पर्यटन प्रदेश मंत्री प्रह्लाद सिंह पटेल ने शुक्रवार को दिल्ली में संघीय आयुक्त की प्रदेश मंत्री मोनिका ग्रुटर्स के नेतृत्व में एक जर्मन प्रतिनिधिमंडल के साथ बातचीत की. मीटिंग के दौरान, हिंदुस्तान व जर्मनी के चुनिंदा संग्रहालयों (museums) के बीच योगदान के विषय में एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए गए.
एमओयू में राष्ट्रीय संग्रहालय दिल्ली, नेशनल गैलरी ऑफ़ मॉडर्न आर्ट दिल्ली, भारतीय म्यूज़ियम कोलकाता, प्रशियन कल्चरल हेरिटेज फाउंडेशन स्टॉफेनबर्गस्ट्र, बर्लिन व बर्लिनर श्लॉस, बर्लिन में स्टेफ्टुंग हंबोल्ट फोरम के लिए आधिकारिक योगदान शामिल है. इस समझौते का उद्देश्य पुरातात्विक नृवंशविज्ञान (Archaeological ethnological) व कला ऐतिहासिक वस्तुओं व उनके ऐतिहासिक स्रोतों का अध्ययन करना है.
इसमें अमूर्त सांस्कृतिक विरासत, बहाली व संरक्षण अध्ययन व एजुकेशन काम शामिल होंगे. बयान में बोला गया है कि योगदान का आधार प्रतिभागी संस्थानों का संग्रह व विशेषज्ञता है. मीटिंग के दौरान पटेल ने बोला कि देश के विकास में संस्कृति अहम सहयोग निभाती है.भारत व जर्मनी में शैक्षणिक व सांस्कृतिक आदान-प्रदान की एक लंबी परंपरा रही है. इस समझौता ज्ञापन के साथ, दोनों राष्ट्रों से संबंधित क्लासिक्स का जर्मन व भारतीय भाषाओं में अनुवाद करने के लिए संभावनाओं का पता लगाया जाएगा.
बयान में बोला गया कि उदाहरण के लिए, संन्यास उपनिषद व यतिधर्म प्रकाशन जैसे संस्कृत क्लासिक्स का जर्मन भाषा में अनुवाद किया जा सकता है. इसी तरह, निम्नलिखित तीन जर्मन क्लासिक्स में से किसी एक का हिंदी या संस्कृत में अनुवाद किया जा सकता है.