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मुकेश अंबानी फिर बने सबसे अमीर भारतीय, IMF ने भारत के जीडीपी ग्रोथ का अनुमान बढ़ाया

रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड के चेयरमैन अरबपति मुकेश अंबानी ने ‘360 वन वेल्थ हुरुन इंडिया रिच लिस्ट 2023‘ के अनुसार एक साल बाद सबसे अमीर भारतीय के रूप में शीर्ष स्थान हासिल कर लिया है।

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पिछले वर्ष की तुलना में 2 प्रतिशत वृद्धि के साथ 808,800 करोड़ रुपये की संपत्ति के साथ अंबानी शीर्ष पर हैं। उद्योगपति गौतम अडानी की संपत्ति में 57 फीसदी की गिरावट के बावजूद 474,800 करोड़ रुपये की संपत्ति के साथ सूची में दूसरे स्थान पर हैं।

मुकेश अंबानी फिर बने सबसे अमीर भारतीय

पिछले साल अडानी अंबानी से 3 लाख करोड़ रुपये आगे थे और 2023 में अडानी अंबानी से 3.3 लाख करोड़ रुपये आगे हैं। शीर्ष दो उद्योगपतियों के बाद वैक्सीन निर्माता साइरस एस. पूनावाला (278,500 करोड़ रुपये), एचसीएल समूह के शिव नादर (228,900 करोड़ रुपये), हिंदुजा समूह के गोपीचंद हिंदुजा (176,500 करोड़ रुपये) और सन फार्मास्यूटिकल्स के दिलीप सांघवी (164,300 करोड़ रुपये) हैं।

रिपोर्ट के मुताबिक, 1,000 करोड़ रुपये वाले अमीरों की संख्या 216 बढ़कर 1,319 हो गई।भारत के अमीरों की कुल संपत्ति 109 लाख करोड़ रुपये है, जो सिंगापुर, संयुक्त अरब अमीरात और सऊदी अरब के संयुक्त सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) से अधिक है। सबसे कम उम्र के अमीर भारतीय का खिताब जेप्टो के संस्थापक 20 वर्षीय कैवल्य वोहरा को मिला।

IMF ने भारत के जीडीपी ग्रोथ का अनुमान बढ़ाया

अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) ने मजबूत मांग के कारण भारत के लिए अपना 2023-24 का जीडीपी अनुमान बढ़ाकर 6.3 प्रतिशत कर दिया है, जबकि चीन की विकास दर घटाकर 5 प्रतिशत कर दी है। आईएमएफ ने अपने वार्षिक प्रकाशन वर्ल्ड इकोनॉमिक आउटलुक में कहा, “भारत में विकास दर 2023 और 2024 दोनों में 6.3 प्रतिशत रहने का अनुमान है। यह अप्रैल-जून के दौरान उम्मीद से अधिक खपत को दर्शाता है।”

आईएमएफ ने जुलाई में इस वर्ष के लिए भारत के लिए अपना विकास पूर्वानुमान 20 आधार अंक बढ़ाकर 6.1 प्रतिशत कर दिया था और अब इसे दूसरी बार बढ़ाया है। इसके साथ ही दोनों बहुपक्षीय वित्तीय एजेंसियों का विकास पूर्वानुमान भारतीय रिजर्व बैंक के 6.5 प्रतिशत के अनुमान के करीब पहुंच गया है। आईएमएफ ने रियल एस्टेट क्षेत्र में गिरावट का हवाला देते हुए चीन के लिए विकास पूर्वानुमान को 2023 के लिए 20 आधार अंक घटाकर 5 प्रतिशत और 2024 के लिए 30 आधार अंक घटाकर 4.2 प्रतिशत कर दिया।

ग्लोबल सेंटीमेंट्स के पॉजिटिव होने से निफ्टी में तेजी

मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज के रिटेल रिसर्च प्रमुख सिद्धार्थ खेमका ने कहा है कि पिछले सत्र की बिकवाली के बाद मंगलवार को घरेलू इक्विटी में तेजी देखी गई। वैश्विक स्तर पर सेंटीमेंट्स सकारात्मक हो गईं और अमेरिकी बॉन्ड की यील्ड 15 बीपीएस कम हो गई। मंगलवार को निफ्टी 178 अंक या 0.91 फीसदी की तेजी के साथ 19,689.85 पर बंद हुआ, जबकि सेंसेक्स 567 अंक या 0.87 फीसदी की तेजी के साथ 66,079.36 पर बंद हुआ।

वैश्विक बाजारों में इजराइल-फिलिस्तीन के बीच संघर्ष पर चिंता थोड़ी कम हुई और सुधार दिखा। निफ्टी हरे निशान पर खुला और पूरे सत्र के दौरान मजबूत होकर दिन के उच्चतम स्तर 19,690 के स्तर पर बंद हुआ। मिड-कैप100/स्मॉल-कैप100 में क्रमश: 1.4 प्रतिशत और 1.2 प्रतिशत की बढ़ोतरी के साथ बाजार चमक गया। स्वास्थ्य सेवा को छोड़कर, अन्य सभी क्षेत्र हरे रंग में बंद हुए, रियल्टी में 4 प्रतिशत की तेजी आई, जिसके बाद मेटल और पीएसयू बैंकों में तेज बढ़त हुई। बुधवार से टीसीएस के आंकड़े घोषित होने के साथ दूसरी तिमाही की कमाई का मौसम शुरू हो जाएगा। खेमका ने कहा, हमें उम्मीद है कि दूसरी तिमाही में निफ्टी की आय में 21 प्रतिशत की मजबूत वृद्धि होगी।

सर्च इंजन बाजार में गूगल की हिस्सेदारी 92 प्रतिशत पर बरकरार

डकडकगो की एक रिपोर्ट के अनुसार सर्च इंजन बाजार के मामले में गूगल ने एक बार फिर अपना दबदबा बरकरार रखा है। इस साल अगस्त तक टेक दिग्गज ने बाजार में 91.7 फीसदी हिस्सेदारी हासिल कर ली है। इसने माइक्रोसॉफ्ट के बिंग, याहू जैसे प्रतिस्पर्धियों को पीछे छोड़़ दिया है। टेकोपीडिया डॉट कॉम के अनुसार, माइक्रोसॉफ्ट, जिसने खोज इंजन बाजार में गूगल के साथ प्रतिस्पर्धा करने के प्रयास में सबसे पहले अपने बिंग सर्च इंजन में कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई) पेश की थी, उसके पास बाजार हिस्सेदारी का केवल तीन प्रतिशत हिस्सा था।

इस महीने की शुरुआत में, माइक्रोसॉफ्ट के अध्यक्ष और सीईओ सत्य नडेला ने स्वीकार किया कि बिंग सर्च इंजन गूगल जितना अच्छा नहीं है, और एप्‍पल का डिफ़ॉल्ट सर्च इंजन बनने से वास्तव में बिंग को वैश्विक खोज बाजार में बढ़ने में मदद मिल सकती है। अन्य खोज इंजन, जैसे यांडेक्स (1.5 प्रतिशत), याहू (1.2 प्रतिशत), बैदू (1.1 प्रतिशत), और डकडकगो (0.5 प्रतिशत) की बाजार हिस्सेदारी कम थी। रिपोर्ट के अनुसार अगस्त तक गूूूगल ने वैश्विक मोबाइल खोज इंजन बाजार में 95.2 प्रतिशत की आश्चर्यजनक हिस्सेदारी हासिल कर ली। गूगल के बाद, यांडेक्स और बैदू दोनों के पास बाजार का 1.3 प्रतिशत हिस्सा था। याहू ने 0.6 प्रतिशत हिस्सेदारी हासिल की, जबकि बिंग और डकडकगो ने 0.5 प्रतिशत हिस्सेदारी हासिल की।

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