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विवादों में फंसी नमामि गंगे परियोजना, जमीन के मालिकाना हक का निराकरण न होने से वाटर ट्रीटमेन्ट प्लांट का काम अटका

फिरोजाबाद। जिले में नमामि गंगे परियोजना का काम शुरू होने से पहले ही खटाई में पड़ता नजर आ रहा है। इस परियोजना के तहत वाटर ट्रीटमेंट प्लांट के लिए जो जगह क्रय की गई है। उसके मालिकाना हक को लेकर विवाद है। इस विवाद के चलते जव भी जल निगम काम शुरू करने की कोशिश होती है तभी दोनों पक्षों के आमने सामने आने से काम बंद हो जाता है।

क्या है परियोजना

फ़िरोज़ाबाद शहर के सीवर के गंदे पानी को यमुना जी मे डाला जाता है। यमुना नदी स्वच्छ हो सके इसके लिए नमामि गंगे परियोजना के तहत गांव बासठ के पास वाटर ट्रीटमेंट प्लांट स्थापित किया जाना प्रस्तावित है। जमीन भी खरीदी जा चुकी है, लेकिन जो जमीन खरीदी है उसको लेकर विवाद है। यह जमीन बीजेपी के एक नेता से जल निगम ने खरीदी है। जब इस जमीन पर एक महिला भी अपना दावा पेश कर रही है।

जिसका मामला भी कोर्ट में विचाराधीन है। बावजूद इसके जल निगम विवादित जमीन पर वाटर ट्रीटमेन्ट प्लांट बनाने की तैयारी कर रहा है, जो महिला दावा कर रही है। पैरवी भी बीजेपी के एक स्थानीय नेता कर रहे हैं। बुधवार को भी कुछ ऐसा ही हुआ जब जल निगम के अफसर निर्माणकार्य शुरू करने पहुंचे तो विवाद इस कदर बढ़ा कि जल निगम के अफसरों को बेरंग लौटना पड़ा।

डीएम बना चुके है जांच कमैटी

इस विवाद को सुलझाने के लिए जिलाधिकारी मुख्यविकास अधिकारी की अध्यक्षता में एक कमैटी भी बनायी है। लेकिन छह माह से ज्यादा का समय बीतने के बाद भी जांच कमैटी की रिपोर्ट को अभी ओपन नही किया गया है। जिसकी बजह से इस विवाद का कोई निस्तारण नही हो पा रहा है।

रिपोर्ट-अरविंद शर्मा

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