रायबरेली। इन दिनों हो रहे बारिश के बाद गड्ढों में गुम National Highway नेशनल हाइवे लोगों के लिए अब जानलेवा हो गया है। लोग पानी भरे गड्ढों के चपेट में आकर जान गवां रहे है या फिर गम्भीर रूप से घायल होकर जिंदगी मौत से संघर्ष लड़ रहे है। इसकी सबसे बड़ी वजह यह है की सड़को पर हो रहे पानी के जमाव से छोटे गड्ढों का दायरा बढ़ता जा रहा है और यह आम वाहन चालको के लिए जानलेवा साबित हो रहा है, आलम ये है की अँधेरे में दुपहिया की सवारी खतरे का सफर साबित हो रहा है।
जानलेवा गड्ढों में तब्दील National Highway
हम बात कर रहे है लखनऊ इलाहाबाद राजमार्ग पर स्थित मुंशीगंज की जहाँ सड़कों की हालत बद से बदतर हो चुकी है। सई नदी से लेकर दरियापुर तिराहे तक, तो वहीँ मुंशीगंज चौराहे से लेकर डलमऊ रोड स्थित एम्स अस्पताल तक पूरी सड़क जानलेवा गड्ढों में तब्दील हो चुकी है। सीजन की पहली बारिश होने के साथ ही अब वह पुराने रंग में लौट गयी है, ज़रा सी बारिश से सड़को पर तालाब सा लबालब भरा हुआ नजारा रहता है।
इन गड्ढों में कई दिनों तक पानी का जमाव बना रहता है इसी राजमार्ग पर दिनभर वीआईपी का आना जाना लगा रहता है। बावजूद आमजनो की यह परेशानी न तो स्थानीय जनप्रतिनिधियों को नजर आ रही है और न ही सियासी दलों के नेताओं को। खुद लोक निर्माण विभाग को भी सड़को का सुधार करने और आम लोगों को राहत दे पाने में कोई दिलचस्पी नहीं है।
बारिश का मौसम जहां लोगों के लिए खुशनुमा होता है लेकिन इसके उलट शहरवासियों को उनके सुरक्षित आवागमन की चिंता खाए जाती है। मुंशीगंज के प्रवेश से लेकर अंतिम छोर तक सड़क बदहाल हो चुके है, कहने को तो यहाँ राष्ट्रीय राजमार्ग है लेकिन आज मौजूदा हालात किसी गाँव की पगडण्डी की तरह हो चुके है।
एक बारगी देखने से यह पता ही नहीं चल रहा है की सड़क कहा से शुरू होकर कहा खत्म हो रहे है। भारी वाहनों का दबाव झेल रहे इस नेशनल हाइवे की सुध न ही सत्तादल के नेता ले रहे हैं और न ही पीडब्लूडी सरीखे जिम्मेदार विभाग को है। इन गड्ढों में समाकर हर दिन वाहन चालक आहत हो रहे है, बावजूद इन्हें चलने लायक बनाने के लिए जो कदम उठाये जाने चाहिए वह अब तक नहीं देखने को मिला है ।