लोकसभा चुनाव 2024 से पहले विपक्षी दलों ने सियासी गोटियां बिठानी शुरू कर दी हैं। इसी कदमताल में ओडिशा के मुख्यमंत्री और बीजू जनता दल के प्रमुख नवीन पटनायक (Naveen Patnaik) ने अपने राज्य में बहुप्रतीक्षित ओबीसी सर्वे शुरू करा दिया है। जेडीयू नेता नीतीश कुमार (Nitish Kumar) के शासन वाले बिहार के बाद ओडिशा ऐसा दूसरा राज्य बना है, जहां जातीय गणना शुरू हुई है।
ओडिशा ओबीसी सर्वेक्षण करने वाला बिहार के बाद दूसरा राज्य है। इस संबंध में एक अधिकारी ने बताया कि सर्वेक्षण में पिछड़ेपन के विभिन्न संकेतक शामिल किए गए हैं जिसमें ओडिशा में पिछड़ेपन की सामाजिक और शैक्षिक स्थिति का भी पता लगाया जाएगा। आयोग ने सभी आंगनवाड़ी और विभिन्न ”पीडीएस” केंद्रों में भी शिविर खोले हैं, जहां समुदाय के लोग अपना विवरण जमा कर सकते हैं और सर्वेक्षण संबंधी औपचारिकताएं पूरी कर सकते हैं।
अधिकारी ने बताया कि सर्वेक्षण के दौरान राज्य सरकार द्वारा सूचीबद्ध ओबीसी समुदायों की सामाजिक और शैक्षिक स्थिति का पता लगाया जाएगा। उन्होंने कहा कि इसके बाद यह सुनिश्चित करने के लिए एक विशेष अभियान चलाया जाएगा कि राज्य में संबंधित समुदायों के सभी व्यक्तियों का सर्वेक्षण हुआ है या नहीं।
एक अधिकारी ने कहा कि अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) का बहुप्रतीक्षित सर्वेक्षण सोमवार को पूरे ओडिशा में शुरू हुआ। ओडिशा राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग द्वारा ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों मोड में सर्वेक्षण किया जा रहा है और यह 27 मई तक जारी रहेगा। सर्वेक्षण राज्य के सभी 314 ब्लॉक और 114 शहरी स्थानीय निकायों में किया जा रहा है।