जम्मू और कश्मीर व लद्दाख के उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश, न्यायमूर्ति ताशी रबस्तन ने गुरुवार को बारामुला का दौरा किया और यहां के जिला न्यायालय परिसर में नई निर्मित नारकोटिक्स ड्रग्स और साइकोट्रोपिक सबस्टेंस (एनडीपीएस) अदालत का उद्घाटन किया।
मुख्य न्यायाधीश ने एनडीपीएस अदालत का उद्घाटन न्यायमूर्ति संजीव कुमार शुक्ला, जो जम्मू और कश्मीर तथा लद्दाख के उच्च न्यायालय के न्यायाधीश और बारामूला के प्रशासनिक न्यायाधीश हैं, के साथ-साथ मुख्य न्यायाधीश के प्रधान सचिव, एम.के. शर्मा, प्रमुख जिला एवं सत्र न्यायाधीश बारामुला, जावेद अहमद, उप कमिश्नर मिंगा शेरपा, एसएसपी बारामुला मोहम्मद ज़ैद मलिक और अन्य बार के सदस्यों तथा जिला प्रशासन के अधिकारियों की उपस्थिति में किया।
एनडीपीएस अदालत उन मामलों की देखरेख करेगी जो एनडीपीएस अधिनियम के तहत आते हैं, जो किसी भी नारकोटिक ड्रग या साइकोट्रोपिक सबस्टेंस के उत्पादन, निर्माण, खेती, कब्जा, बिक्री, खरीद, परिवहन, भंडारण, या सेवन पर प्रतिबंध लगाता है। इसका उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि नशे के आदी और गैर-हिंसक अपराधियों को आवश्यक सेवाएं मिलें, जबकि उन्हें जिम्मेदार भी ठहराया जाए।
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इस अवसर पर, न्यायमूर्ति ताशी रबस्तन ने कहा कि एनडीपीएस अदालत जैसी विशेष अदालतों की न्याय में प्रभावी भूमिका होती है। उन्होंने क्षेत्र में बढ़ती नशे की समस्या से निपटने के लिए न्यायपालिका और कानून प्रवर्तन के प्रयासों की सराहना की।
मुख्य न्यायाधीश ने आगे कहा कि यह विशेष अदालत ड्रग ट्रैफिकिंग और दुरुपयोग से संबंधित मामलों को तेजी और फोकस के साथ सुलझाने का एक महत्वपूर्ण प्लेटफॉर्म प्रदान करेगी। उन्होंने कहा कि संसाधनों और न्यायिक विशेषज्ञता को केंद्रित करके, एनडीपीएस अदालत सुनवाई की प्रक्रिया को सुव्यवस्थित करेगी और न्याय का समय पर वितरण सुनिश्चित करेगी।