गोरखपुर से बिहार-बंगाल के लिए नया रेल रूट तीन साल में तैयार होने की उम्मीद है। यह रूट गोरखपुर को पटना से भी जोड़ेगा। यह संभव होगा सहजनवा-दोहरीघाट रेललाइन परियोजना पूरी होने के बाद।
दोहरीघाट से आगे इंदारा तक ब्राडगेज और गाजीपुर में ताड़ीघाट पुल तैयार हो चुका है। इसके चालू होने के बाद देवरिया-छपरा और नरकटियागंज रूट पर ट्रेनों का दबाव कम हो जाएगा। 2016 में 51 किमी लंबी ताडीघाट-मऊ रेल परियोजना को हरी झंडी मिली थी। 1766 करोड़ की इस परियोजना को दो चरणों में पूरा किया गया है। ताड़ीघाट पुल बनकर तैयार हो गया है। सीआरएस निरीक्षण के बाद इसे संचलन को खोल दिया जाएगा।
दिलदारनगर स्टेशन, पटना जंक्शन से करीब 154 किमी दूर है। यहां दो रेल रूट हैं। एक मुगलसराय (पं. दीन दयाल उपाध्याय नगर) जंक्शन और दूसरा सराहुला हॉल्ट होते हुए ताड़ीघाट रेलवे स्टेशन को जोड़ता है। अभी पटना जंक्शन से ट्रेन दानापुर होते हुए बक्सर, चौसा होते हुए दिलदारनगर जंक्शन के रास्ते दरौली व जमनिया होकर पं. दीन दयाल उपाध्याय नगर जंक्शन जाती है।
ट्रेन वाराणसी होते हुए गाजीपुर पहुंचती है। ताड़ीघाट गंगा पुल बन जाने से गाजीपुर जाने वाली ट्रेन दिलदारनगर से ताड़ीघाट होते हुए गंतव्य पर पहुंचेगी। उसे मुगलसराय और फिर वाराणसी जाने की जरूरत नहीं होगी। ऐसे में सहजनवा से दोहरीघाट रेल लाइन तैयार होते ही गोरखपुर से बिहार और बंगाल के लिए एक वैकल्पिक रूट तैयार हो जाएगा।
सहजनवा-दोहरीघाट तक 81 किमी रेल लाइन बनाने के लिए तेजी से काम चल रहा है। इसे विशेष प्रोजेक्ट में शामिल कर लिया गया है। ऐसे में काम तेज हो गया है। इसके बन जाने वाराणसी और बहार व बंगाल के लिए नया रूट मिलने के साथ ही दक्षिणांचल के विकास की रफ्तार भी बढ़ जाएगी।
एनई रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी पंकज कुमार सिंह ने बताया कि रेलवे द्वारा यात्रियों एवं माल ढुलाई के लिये बेहतर नेटवर्क बनाने की दिशा में योजनाबद्ध तरीके से कार्य किया जा रहा है। इसी क्रम में गाज़ीपुर सिटी से ताड़ीघाट रेल लाइन का सीआरएस निरीक्षण किया जा रहा है।
गाजीपुर सिटी-ताड़ीघाट रेल लाइन का सीआरएस निरीक्षण शनिवार को होगा। सीआरएस से हरी झंडी मिलने के बाद तक यह लाइन ट्रेन के संचालन के लिए पूरी तरह से तैयार हो जाएगी।