• उन्नाव-बीघापुर रेल खंड के बीच अधिकतम गति से होगा ट्रेन संचालन
• लखनऊ मंडल में टोकन प्रणाली हुई इतिहास का हिस्सा
लखनऊ। यात्रियों को सुरक्षित रेल यात्रा प्रदान करने हेतु उत्तर रेलवे, लखनऊ मंडल सदैव तत्पर रहता है। यात्री सुविधा एवं रेल परिचालन क्षमता वृद्धि हेतु आधारभूत संरचना विस्तार के साथ ‘संरक्षा ही प्राथमिकता’ ध्यान में रखते हुए नई तकनीकों को अपनाया जा रहा है।
इसी क्रम में विभिन्न स्टेशनों पर नवीन तकनीक वाली इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग की स्थापना का कार्य भी निरंतर किया जा रहा है। इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग की स्थापना से एक और जहाँ संचालन में सुगमता आती है वंही दूसरी और बेहतर संरक्षा भी सुनिश्चित होती है।
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29 जून को रात 23:45 बजे बीघापुर स्टेशन पर 30 रूटों के इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग कार्य को पूर्ण कर लिया गया। इस कार्य में टर्नआउट/ट्रैप 06, नए टर्नआउट 3, मुख्य सिग्नल 10, डिप शंट 4, इंडिप शंट 5, सी-ऑन सिग्नल 2, पॉइंट मशीन 6, ट्रैक सर्किट की संख्या16 (एमएसडीएसी सिग्मा मेक) की स्थापना शामिल है। इसके अतिरिक्त लेवल क्रोसिंग संख्या 1 (LC-99) पर इलेक्ट्रोनिक लेवल बूम व स्लाडिंग बेरियर से बदला गया है।
वरिष्ठ मंडल वाणिज्य प्रबंधक रेखा शर्मा ने बताया कि इस कार्य के पूर्ण होने से गति उन्नयन में आ रही बाधाएं दूर होंगी और केंद्रीकृत ट्रेन संचालन से ट्रेन के संचालन को अधिकतम गति से संचालित किया जा सकेगा।
रिपोर्ट-दया शंकर चौधरी