रिपोर्ट-डॉ. दिलीप अग्निहोत्री
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के कार्य करने का अपना अंदाज है। वह अपनी कार्ययोजना का एक लक्ष्य निर्धारित करते है। उसको हासिल करने में सरकारी मशीनरी के साथ स्वयं भी सक्रिय रहते है। उस लक्ष्य तक पहुंचने के बाद भी रुकते नहीं है,उसी समय बढ़े हुए अगले लक्ष्य का निर्धारण कर देते है,पुनः उस दिशा में बढ़ने लगते है। कोरोना आपदा प्रबंधन में उनकी यह दिलचस्प कार्यशैली स्वतः परिलक्षित हुई। कोविड़ हॉस्पिटल,बेड,जांच,कम्युनिटी किचेन सहित अनेक सुविधाओं के संदर्भ में यह देखा गया।
इस क्रम में आज उन्होंने टेस्टिंग क्षमता को बढ़ाकर पच्चीस हजार टेस्ट प्रतिदिन किए जाने के निर्देश दिए हैं। कोरोना के प्रारंभ में यह यात्रा शून्य से शुरू हुई थी। लक्ष्य तय होते रहे,सफलता मिलती रही। उन्होंने कहा कि इस सम्बन्ध में वैकल्पिक टेस्टिंग व्यवस्था के तहत एन्टीजेन टेस्ट आदि को आवश्यकतानुसार अपनाए जाने पर विचार किया जाए। कोविड अस्पतालों में बेड क्षमता का विस्तार करते हुए डेढ़ लाख बेड की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। कुछ दिन पहले टेस्टिंग का लक्ष्य दस हजार था,पूरा हुआ,फिर पन्द्रह हजार को प्राप्त किया गया,अब योगी ने अगला लक्ष्य घोषित कर दिया।
इसी प्रकार कुछ दिन पहले कोविड़ बेड का एक लाख का लक्ष्य हासिल किया गया था। अब उसे डेढ़ लाख कर दिया गया। योगी के निर्देश पर अमल भी शुरू हो गया। यह उम्मीद करनी चाहिए कि जल्दी ही यह लक्ष्य भी पूरा हो जाएगा। निश्चित ही योगी अगली योजना की रूपरेखा पर मंथन कर रहे होंगे। इसी प्रकार स्क्रिनिग टीम की संख्या को भी बढाकर एक लाख किया जा रहा है।