नाइजीरिया को ब्रिक्स समूह के भागीदार देश के रूप में शामिल किया गया है। यह जानकारी ब्राजील ने दी, जो इस समूह की अध्यक्षता कर रहा है। ब्रिक्स समूह की स्थापना साल 2009 में ब्राजील, रूस, भारत और चीन ने की थी। 2010 में इसमें दक्षिण अफ्रीका को भी शामिल किया गया। यह औद्योगिक रूप से उन्नत देशों के समूह जी-7 के मुकाबले के रूप में बना था।
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पिछले साल ब्रिक्स समूह का हुआ विस्तार
पिछले साल ब्रिक्स समूह ने ईरान, मिस्र, इथियोपिया और संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) को अपने साथ जोड़ा। जबकि सऊदी अरब को भी इसमें शामिल होने का निमंत्रण दिया गया। तुर्की, अजरबैजान, मलयेशिया ने भी ब्रिक्स का सदस्य बनने के लिए आधिकारिक रूप से आवेदन किया है और कुछ अन्य देशों ने भी इसमें अपनी रुचि दिखाई है।
नाइजीरिया दुनिया की छठी सबसे बड़ी आबादी
नाइजीरिया ब्रिक्स का नौवां भागीदार देश बना है। इससे पहले बेलारूस, बोलिविया, क्यूबा, कजाकिस्तान, मलयेशिया, थाईलैंड, युगांडा और उज्बेकिस्तान भी इस समूह के साझेदार देश हैं। ब्राजील सरकार ने आज एक बयान में कहा, नाइजीरिया दुनिया में दुनिया की छठी सबसे बड़ी आबादी है और अफ्रीका महाद्वीप की सबसे बड़ी जनसंख्या के साथ-साथ प्रमुख अर्थव्यस्थाओं में से एक हैं। नाइजीरिया के ब्रिक्स के अन्य सदस्य देशों के साथ समान हित हैं।
सक्रिय भूमिका निभाता है नाइजीरिया
बयान में यह भी कहा गया, नाइजीरिया दक्षिण-दक्षिण सहयोग को मजबूत करने और वैश्विक शासन व्यवस्था में सुधार में सक्रिय भूमिका निभाता है। ब्रिक्स नेताओं का कहना है कि वह (अमेरिकी डॉलर के मुकाबले) एक वैकल्पिक भुगतना प्रणाली लाने के लिए प्रतिबद्ध हैं। पिछले साल अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ब्रिक्स देशों को चेतावनी दी थी कि अगर वे अमेरिकी डॉलर को कमजोर करने की कोशिश करेंगे, तो उन पर सौ फीसदी शुल्क लगाया जाएगा।