पुलवामा में आतंकी हमले के बाद बने अंतरराष्ट्रीय दबाव के बीच प्रधानमंत्री Imran Khan इमरान खान ने कहा है कि जिहादी संगठनों और जिहादी संस्कृति के लिए पाकिस्तान में कोई जगह नहीं है। पाकिस्तान की आतंकियों को संरक्षण देने की नीति से दुनिया भर में उसकी निंदा हो रही है।बताते चलें कि 14 फरवरी को जम्मू-कश्मीर में हुई आतंकी वारदात में सीआरपीएफ के 40 जवान शहीद हो गए थे। हमले की जिम्मेदारी पाकिस्तान में शरण पाए संगठन जैश-ए-मुहम्मद ने ली थी। इसके बाद भारत ने जैश के बालाकोट स्थित ठिकाने पर हवाई हमला कर उसे नष्ट कर दिया था। इसके बाद भारत और पाकिस्तान आमने-सामने आ गए थे।
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री Imran Khan को
पुलवामा हमले की पूरी दुनिया ने निंदा की थी और पाकिस्तान के प्रधानमंत्री Imran Khan इमरान खान को को आतंकी संगठनों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने को कहा था। शुक्रवार को वरिष्ठ पत्रकारों और संपादकों के साथ बैठक में कहा, भारत में राजग सरकार चुनाव जीतने के लिए पाकिस्तान के खिलाफ लगातार भड़काऊ प्रचार कर रही है। इसके कारण नियंत्रण रेखा पर तनाव की स्थिति बनी हुई है।
पाकिस्तान की सुरक्षा को लेकर खतरा है। इमरान देश को हर स्थिति के लिए तैयार रहने को कहा है। उन्होंने कहा, पाकिस्तान के सुरक्षा बल किसी भी सैन्य आक्रमण का करारा जवाब देने के लिए पूरी तरह से तैयार हैं। प्रधानमंत्री ने कहा, देश में मौजूद सभी जिहादी संगठनों के खिलाफ कार्रवाई के लिए सभी दल सहमत हैं।
सरकार अब पाकिस्तान की धरती पर कोई भी अतिवादी गतिविधि बर्दाश्त नहीं करेगी। जिहादी संगठनों के इतिहास पर चर्चा करते हुए इमरान ने कहा, अमेरिका के नेतृत्व वाले अफगानिस्तान युद्ध के समय से पाकिस्तान में इन संगठनों ने जड़ें जमानी शुरू कीं। अमेरिका के नेतृत्व वाला युद्ध सोवियत संघ के सैनिकों के अफगानिस्तान में आने के बाद शुरू हुआ था।
यह युद्ध पाकिस्तान की धरती से लड़ा गया था। इमरान ने कहा, पाकिस्तान में अब जिहादी संगठनों के लिए कोई स्थान नहीं है। हमें दुनिया के समक्ष यह साबित करना है कि पाकिस्तान शांतिप्रिय देश है और वह कार्ययोजना बनाकर जिहादी संस्कृति को खत्म कर रहा है। पाकिस्तानी प्रधानमंत्री ने कहा, भारत पाकिस्तान को फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (एफएटीएफ) की ब्लैक लिस्ट में डलवाने की कोशिश कर रहा है।