टीएमयू की टिंकरिंग लैब में स्टुडेंट्स प्रोडक्ट डिजाइन, डवलपमेंट और इंजीनियरिंग एप्लीकेशंस की बारीकियां सीखेंगे, मेडिकल, मैनेजमेंट समेत दीगर नॉन इंजीनियरिंग स्टुडेंट्स के लिए भी होगी उपयोगी
लखनऊ। तीर्थंकर महावीर यूनिवर्सिटी, मुरादाबाद (TMU, Moradabad) में जल्द ही उत्तर भारत (North India) की पहली टिंकरिंग लैब (First Tinkering Lab) स्थापित होगी। यह लैब मेकर्स भवन फाउंडेशन (Makers Bhawan Foundation) की ओर से तैयार की जाएगी। इस लैब में स्टुडेंट्स प्रोडक्ट डिजाइन, डवलपमेंट और इंजीनियरिंग एप्लीकेशंस की बारीकियां सीखेंगे। यह लैब मेडिकल, मैनेजमेंट समेत दीगर नॉन इंजीनियरिंग स्टुडेंट्स के लिए भी उपयोगी सिद्ध होगी। यह घोषणा आईआईटी, मद्रास (IIT, Madras) के लर्न इंजीनियरिंग बाय एक्टिविटी विद प्रोडक्ट- लीप फाउंडेशन के डायरेक्टर प्रो टिमोथी गोंसाल्वेस (Prof Timothy Gonsalves) ने किया।
प्रो टिमोथी तीर्थंकर महावीर यूनिवर्सिटी में सोमवार को आईआईटी, मद्रास के कोलाबोरेशन में लीप फाउंडेशन की ओर से पांच दिनी लर्न इंजीनियरिंग बाय एक्टिविटी विद प्रोडक्ट-एलईएपी वर्कशॉप के शुभारम्भ मौके बतौर एक्सपर्ट बोल रहे थे। उन्होंने स्टुडेंट्स को संबोधित करते हुए कहा, इंजीनियर का कार्य उपयोगी उत्पाद, नई तकनीक और प्राणालियों का विकास करके जीवन स्तर में सुधार करना है।
इससे पूर्व प्रो टिमोथी के संग-संग लीप फाउंडेशन के को-फाउंडर प्रो सतीश चन्द्र जैन, टीएमयू के वीसी प्रो वीके जैन, एफओई के डीन प्रो आरके द्विवेदी, डॉ अमित कंसल, दीप्ति गुप्ता, प्रवीण कुमार, हेमारानी आदि ने मां सरस्वती के समक्ष दीप प्रज्जवलित करके सीसीएसआईटी के एलटी-2 में एलईएपी वर्कशॉप का शुभारम्भ किया।
लीप वर्कशॉप में वीसी प्रो वीके जैन बोले, इस वर्कशॉप से स्टुडेंट्स की स्किल बढ़ेगी, जिससे उनके प्लेसमेंट पर भी पॉजिटिव प्रभाव पड़ेगा। टिंकरिंग लैब में फर्स्ट ईयर से ही इंजीनियरिंग स्टुडेंट्स ग्रुप प्रोजेक्ट और मल्टीडिसेपलनरी एप्रोच के जरिए प्रैक्टिकल नॉलेज को बढ़ाने में सक्षम होंगे। प्रो जैन ने उम्मीद जताई कि सॉफ्टवेयर इंजीनियरिंग के स्टुडेंट्स भी इस वर्कशॉप के जरिए हार्डवेयर इंप्लीमेंटेशन के बारे में भी सीखेंगे। उन्होंने कहा, स्टुडेंट्स के स्टार्टअप के लिए टीएमयू इंक्यूबेशन सेंटर की ओर से फाइनेंसियल सपोर्ट भी दी जाएगी। प्रो जैन ने इंजीनियरिंग स्टुडेंट्स से टिंकरिंग लैब के अधिक से अधिक उपयोग करने के लिए प्रोत्साहित किया।
लीप फाउंडेशन के को-फाउंडर प्रो सतीश चन्द्र जैन ने कहा कि स्टुडेंट्स को आइसोलेशन के बजाए कोलाबोरेशन में कार्य करना चाहिए ताकि कार्य की गुणवत्ता को और बढ़ाया जा सके। लीप वह प्लेटफॉर्म हैं, जहां सभी इंजीनियरिंग ब्रांच के स्टुडेंट्स एक साथ मिलकर कार्य करेंगे। उन्होंने विभिन्न उदाहरणों के जरिए इंजीनियरिंग में कोलाबेरेशन के महत्व पर भी चर्चा की।
एफओई के डीन प्रो आरके द्विवेदी ने टिंकरिंग लैब को ज्वॉय ऑफ इंजीनियरिंग बताते हुए कहा, इस लैब में स्टुडेंट्स अपनी इमेजिनेशन को रियलिटी में बदल सकेंगे। लीप टीम और टीएमयू की इस लैब में स्टुडेंट्स मल्टी डिसिपलनरी एप्रोच के बारे में सीखेंगे। उल्लेखनीय है, इस पांच दिनी वर्कशॉप में 30 फैकल्टी मेंबर्स और सीसीएसआईटी और एफओई के 120 इंजीनियरिंग स्टुडेंट्स प्रतिभाग करेंगे। अंत में सभी प्रतिभागियों को सर्टिफिकेट्स प्रदान किए जाएंगे।
वर्कशॉप में डॉ शुभेन्द्र प्रताप सिंह, डॉ अलका वर्मा, डॉ हिमांश कुमार, डॉ राघवेन्द्र तिवारी, डॉ विभोर भारद्वाज, डॉ प्रदीप कुमार, उमेश कुमार सिंह, नवनीत विश्नोई, डॉ प्रियांक सिंघल आदि मौजूद रहे। संचालन डॉ संकल्प गोयल ने किया।