बीनागंज। चाचौड़ा क्षेत्र में विभिन्न राष्ट्रीय कृत बैंकों Banks की शाखाएं संचालित है जिनमें भारतीय स्टेट बैंक, बैंक ऑफ इंडिया, सिंडिकेट बैंक, यूनियन बैंक ऑफ इंडिया, मध्यांचल ग्रामीण बैंक तथा सहकारी बैंक शामिल है परंतु बैंकों में ग्राहकों की सुविधाओं का ध्यान नहीं रखा जाता है। कुछ बैंक की शाखाओं में तो ग्राहकों के लिए बैठने तक की जगह नहीं है। ग्राहकों से मधुर व्यवहार तो बहुत दूर की कौड़ी है पीने के लिए पानी भी उपलब्ध नहीं है अधिकतर बैंक की शाखाओं में।
दलालों की लंबी कतार Banks के बाहर
किसान कार्ड और लोन वितरण में दलालों की लंबी कतार Banks बैंको के बाहर देखने को मिलती है। आरटीओ ऑफिस की तर्ज पर बैंकों में भी दलालों की दखल बढ़ती जा रही है। बैंक के आला अधिकारी और उच्च प्रबंधन भले ही ग्राहकों के स्वागत सत्कार पर ध्यान देने की बात करते हो परंतु मैदानी स्तर पर स्थिति कुछ उलट है। स्थानीय प्रशासन का नियंत्रण ना हो पाने के कारण बैंकों की व्यवस्थाओं से परेशान लोग ठीक ढंग से अपनी शिकायतें भी नहीं कर पाते हैं। बैंकों में अपनी शिकायत डालने के लिए बॉक्स टंगे हैं परंतु उन पर भी कोई ठोस कार्यवाही नहीं की जाती है।
लंच के दौरान बैंक के बाहर बैठकर करना पड़ता है इंतजार
क्षेत्र के लोगों की शिकायत है कि लंच के नाम पर अधिकारी दोपहर 2.30 बजे बैंक के मुख्य द्वार का चैनल बंदर कर ग्राहकों को बाहर कर देते है। सुरक्षा गार्ड भी दोपहर 3.30 बजे तक किसी को बैंक में नहीं आने देता। बैंक में प्रतिदिन लंच के समय चैनल लगा दिया जाता है। इस बीच बैंक के ग्राहकों को घंटों इंतजार कराया जाता है। बैंक प्रबंधन लंच टाइम के कारण सुरक्षा व्यवस्था को ध्यान में रखते हुए चैनल गेट पर ताला लगाने की बात करते हैं, परंतु विशेषज्ञ बताते हैं कि बैंकिंग व्यवस्था में लंच के दौरान काम बंद करने संबंधी कोई नियम नहीं है
बैंक लंच टाइम का कहकर काम बंद नहीं कर सकते
इस विषय पर विभिन्न आरटीआई कार्यकर्ताओं के द्वारा आरबीआई से सवाल पूछे जाने पर आरबीआई के द्वारा जो अपने जवाब में बिना लंच ब्रेक के सेवाएं देना बैंकों से अपेक्षित है। बैंक अधिकारी एक-एक करके लंच कर सकते हैं। इस दौरान नॉर्मल ट्रांजेक्शन चलते रहना चाहिए। अधिकतर पब्लिक सेक्टर के बैंकों में लंच टाइम का बोर्ड लगा दिया जाता है। लंच के नाम पर ग्राहक घंटों इंतजार करते हैं। जबकि नियमों के मुताबिक ऐसा नहीं किया जा सकता। आप और हम कई बार दोपहर में बैंक जाते हैं और बैंककर्मी आधे घण्टे के लंच का बहाना करके काउंटर से गायब हो जाते हैं, जबकि सच्चाई यह है कि बैंकों में कोई लंच टाइम नहीं होता है।
विकलांगों ओर बुजुर्गों के लिए नहीं कोई सुविधाएं
क्षेत्र में संचालित बैंकों में विकलांग व्यक्तियों और बुजुर्गों के लिए अलग से कोई सुविधाएं उपलब्ध नहीं कराई जाती हैं वृद्धावस्था पेंशन विकलांग पेंशन निकलवाने वाले ग्राहकों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है और यह अवस्था कमोबेश क्षेत्र की हर बैंक की शाखा में है।
एटीएम बूथ बंद होने से ग्राहक परेशान
एटीएम मशीनों को लेकर नियमों में फेरबदल के चलते एटीएम मशीनों की संख्या में कमी की जा रही है परंतु क्षेत्र में यूनियन बैंक ऑफ इंडिया की एकमात्र शाखा ग्राम पेंची मैं संचालित है । यूनियन बैंक ऑफ़ इंडिया के द्वारा गांव में एक एटीएम मशीन लगाई गई थी परंतु अधिकतर खराबी और नकदी की कमी के कारण लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ता था अंततोगत्वा ट्रांजैक्शन ना होने का हवाला देते हुए उक्त मशीन को हटा दिया गया है जबकि नए एटीएम कार्ड धारकों को अपने एटीएम कार्ड एक्टिव करने में परेशानी आ रही है।
बैंकों में चल रहा है अलटा पलटी का खेल
क्षेत्र में यूनियन बैंक ऑफ़ इंडिया भारतीय स्टेट बैंक बैंक ऑफ इंडिया सिंडिकेट बैंक आदि की शाखाएं संचालित है और सभी शाखाओं में बड़े पैमाने पर एनपीए खातों की संख्या बहुत अधिक है। ऐसे में एनपीए खातों की संख्या में कमी करने के लिए बैंक प्रबंधन पुराने खातों पर किसान क्रेडिट कार्ड की लिमिट बढ़ाकर खातों को एनपीए लिस्ट से बाहर कर देते हैं। इस सब में दलालों की भूमिका अहम है क्योंकि किसान की किसान क्रेडिट कार्ड की राशि दलालों के माध्यम से 1 दिन के लिए जमा की जाती है और बैंक द्वारा किसान क्रेडिट कार्ड की लिमिट बढ़ाई जाने पर दलाल अपनी मूल राशि और कमीशन किसान से वसूल लेता है।
इनका कहना है
लीड बैंक अधिकारी द्वारा बताया गया कि ग्राम पेंची में यूनियन बैंक एटीएम का टेंडर खत्म होने की वजह से बैंक एटीएम को बंद किया गया जल्द ही टेंडर कर एटीएम चालू किया जाएगा साथ ही यह भी बताया कि बैंकों में सामान्य काउंटर चालू रहता है बैंक प्रबंधन द्वारा बैंक का चैनल लगाने का प्रावधान नहीं है।