नई दिल्ली। भारतीय औषधि एवं महानियंत्रक ने मंगलवार को भारत में निर्मित कोविड टीके – कोवैक्सीन को दो से 18 वर्ष के बच्चों को लगाने की मंजूरी दे दी। यह मंजूरी आपात प्रयोग के लिये दी गयी है और उम्मीद है कि इस महीने के अंत तक इसके इस्तेमाल आरंभ हो जायेगा। कोवैक्सीन को भारत बायोटेक और आइसीएमआर ने साथ मिलकर तैयार किया है। कोवैक्सीन के सितंबर में बच्चों पर तीन परीक्षण पूरे हो चुके हैं और ट्रायल में 78 फीसद असरदार पाई गई है। पहले समूह में 12-18, दूसरे समूह में छह से 12 और तीसरे समूह में दो से छह साल के बच्चे शामिल थे।
भारत बायोटेक द्वारा निर्मित इनके बारे में विस्तृत रिपोर्ट इस महीने की शुरुआत में भारतीय औषधि एवं महानियंत्रक को सौंप दी गयी थी। केंद्र सरकार द्वारा जल्द ही बच्चों के टीकाकरण से संबंधित गाइडलाइन जारी की जाएगी। सूत्रों के अनुसार विस्तृत अध्ययन के बाद संबंधित समिति ने कोवैक्सीन का टीका दो वर्ष से अधिक आयु के बच्चों को लगाने की मंजूरी देने का फैसला किया। बच्चों को यह टीका दो डोज में दिया जायेगा और इसमें 20 दिन का अंतराल होगा।
बच्चों की वैक्सीन को लेकर असमंजस, मंत्री ने कहा- अभी डीसीजीआई की मंजूरी नहीं मिली
बच्चों की वैक्सीन को पहले मंजूरी मिलने और फिर बाद में इससे इंकार करने की बात सामने आयी है। मंगलवार की शाम केंद्रीय स्वास्थ्य राज्य मंत्री भारती प्रवीण पवार ने एक बयान में कहा कि अभी काम चल रहा है। मुझे लगता है कुछ कन्फ्यूजन सामने आ रही है। अभी डीसीजीआई की भी मंजूरी नहीं मिली है। विशेषज्ञ निर्णय लेंगे, उसके बाद वैक्सीन आएगी। प्रक्रिया चल रही है और हम उसमें हस्तक्षेप नहीं करते हैं।
बच्चों को भी लेनी होगी कोरोना वैक्सीन की दो डोज
हालांकि ऐसा माना जा रहा है कि बच्चों को भी कोरोना वैक्सीन की दो डोज लेनी होंगी। भारत में इससे पहले जायडस कैडिला की कोरोना वैक्सीन ZyCoV-D को आपातकालीन इस्तेमाल के लिए डीसीजीआइ से मंजूरी दी गई थी। यह 12 साल के बच्चों, किशोरों और बड़ों को लगाई जा सकेगी। भारत में बनी यह दुनिया की पहली डीएनए बेस्ड वैक्सीन थी। इस समय भारत में सिर्फ कोविशील्ड, कोवैक्सीन और स्पूतनिक-वी वैक्सीन वयस्कों को दिए जा रहे हैं। इन वैक्सीन की दो डोज दी जाती हैं।