लखनऊ विश्वविद्यालय कर्मचारी परिषद का शपथ ग्रहण समारोह आज मालवीय सभागार में सम्पन्न हुआ। सर्वप्रथम अतिथियों ने दीप प्रज्वलन और माँ सरस्वती की प्रतिमा पर माल्यार्पण करके समारोह का उद्घाटन किया। अतिथि स्वागत के सर्वप्रथम पूर्व अध्यक्ष रिंकू राय ने वर्तमान अध्यक्ष राकेश यादव को शपथ दिलाया। फिर राकेश यादव ने नवनिर्वाचित सभी पदाधिकारियों को शपथ ग्रहण दिलाया।
मुख्य अतिथि डॉ दिनेश शर्मा ने अपने उपमुख्यमंत्री दुकान में किए गए कार्यों का उल्लेख करते हुए कर्मचारी आवासों के निर्माण सहित अनेक कार्यों का उदहारण दिया। उन्होने कहा विश्वविद्यालय की अर्थिक स्थिति को मजबूत करने के लिये चार जिलों को कानपुर विश्वविद्यालय से अलग करके लखनऊ विश्वविद्यालय शामिल करने की पहल किया था।
कर्मचारियों के हित के लिए तत्पर रहेंगे, आवश्यकताएं होंगी तो प्रदेश के उच्च शिक्षा मंत्री, महामहिम राज्यपाल अथवा मुख्यमंत्री से कर्मचारियो के प्रतिनीधि बनकर बात करेंगे। कर्मचारी विश्वविद्यालय की आत्मा है इनको अलग करके विश्वविद्यालय की कल्पना नही कर सकते। कर्मचारी परिषद की मांग पर लखनऊ विश्वविद्यालय कर्मचारी परिषद के कार्यालय में एक सभागार बनाने के लिए रुपए दस लाख देने की घोषणा करते हुए कहा कि यदि इससे अधिक पैसा भी लगेगा तो उसे प्रबंधन किया जाएगा।
दिनेश शर्मा ने कर्मचारियों को कैशलेस चिकित्सा सुविधा देने की वकालत करते हुए अपने उद्बोधन में कर्मचारियों को जोड़ा कि पेंशन के संबंध में भारत सरकार ने केंद्रीय वित्त सचिव की अध्यक्षता में एक समिति गठित की है जो इस पर विचार कर रही है कि अधिक से अधिक6 सुविधा वाले कर्मचारियों को पिछले कर्मचारियों की पेंशन कैसे मिल सकती है चिंता कर रही है उन्हें स्वयं इसकी आवश्यकता नहीं है।
विशिष्ट अतिथि कर्मचारी शिक्षक संयुक्त मोर्चा के अध्यक्ष बीपी मिश्रा ने पुरानी पेंशन की बहाली को लेकर दावा करते हुए अपील की कर्मचारियों को ध्यान में रखते हुए पुरानी पेंशन की बहाली के लिए बहाल करने की मँग करते इसे आवश्यक बताया और कहा कि सेवा निवृति के बाद कर्मचारी के भरण पोषण पेंशन बहाली आवश्यक है।
समारोह के विशिष्ट अतिथि अखिल भारतीय विश्वविद्यालय कर्मचारी महासंघ के कार्यकारी अध्यक्ष एमबी सज्जन ने कहा के विश्वविद्यालयों में अक्सर विश्वविद्यालय प्रशासन शिक्षकों और कर्मचारियों में भेदभाव करता है जिसके कारण विश्वविद्यालयों का नुकसान होता है इसे ठीक करने के लिए विद्यालय प्रशासन को कर्मचारियों पर ही पर भी शिक्षकों के भारत ध्यान आकृष्ट करना पड़ेगा और विश्वविद्यालय के निर्णय लेने वाली समितियां कार्य परिषद और विद्या परिषद में कर्मचारियों को भी प्रतिनिधि तो देना चाहिए इससे कर्मचारियों के साथ-साथ विश्वविद्यालय का भला होगा और इन समितियों द्वारा निष्पक्ष निर्णय लिया जा सके इसके साथ ही उन्होंने कर्मचारियों से अपील किया कि कर्मचारी हितों के लिए चुनावी कटता को बुलाकर सब लोग एकजुट हो जाएं और अपने हितों की रक्षा के लिए प्रयास करें।
समारोह की अध्यक्षता कर रहे कुलसचिव प्रोफेसर संजय मेधावी ने आश्वस्त किया कि विश्वविद्यालय प्रशासन कर्मचारियों की समस्याओं के समाधान के लिए संवेदनशील है और शीघ्र ही इसका समाधान किया जाएगा उन्होंने यह भी बताया कि विश्वविद्यालय प्रशासन कर्मचारियों को कैशलेस चिकित्सा सुविधा देने लंबित एसीपी का प्रदान करने शेष बचे कर्मचारियों को विनती करें और दैनिक तथा नियत वेतन कर्मचारियों को वेतनमान देने के संबंध में प्रक्रिया प्रचलित है और शीघ्र इस पर निर्णय लिया जाएगा समारोह का संचालन अध्यक्ष राकेश यादव ने किया एवं आभार ज्ञापन महामंत्री संजय शुक्ला ने किया।
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समारोह में लूटा के पूर्व अध्यक्ष प्रोफेसर दिनेश कुमार लोहता के अलावा अध्यक्ष मनोज पांडे उत्तर प्रदेश राज्य विश्वविद्यालय कर्मचारी महासंघ के अध्यक्ष सुधांशु, क्षेत्रीय पार्षद रणजीत सिंह, परीक्षा नियंत्रक विद्यानंद त्रिपाठी, वित्त अधिकारी हिमानी चौधरी, डिप्टी रजिस्टर प्रभा तिवारी, लेखाधिकारी रत्नेश्वर भारती सहित बड़ी संख्या में कर्मचारी परिषद के पूर्व पदाधिकारियों जगदीश सिंह, विनायक धर दुबे, अभिमन्यु सिंह, राजेश सिंह, भगवान दिन, रामचरित राजू, सन्तोष तिवारी आदि विशेष रूप से शामिल थे।
आज शपथ लेने वाले लखनऊ विश्वविद्यालय कर्मचारी कर्मचारी परिषद पदाधिकारियों में अध्यक्ष राकेश यादव, महामंत्री संजय शुक्ला के अतिरिक्त उपाध्यक्ष सीपी सिंह मोनू व अभिषेक सिंह, संगठन मंत्री शिवानंद द्विवेदी, कोषाध्यक्ष अमित सक्सेना, मंत्रीगण बाबूलाल, दिनेश बाल्मीकि, केपी सिंह, प्रचारमंत्री अमित कुमार सक्सेना एवं सदस्यगण मुकेश धर दुबे, सोमनाथ, अशोक कुमार, बच्चा सिंह, अमित कुमार, एवं लाल बाबू थे।