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जातीय समीकरण : तो मायावती की उड़ सकती है नींद!

लखनऊ।कल प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान मायावती ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और अमित शाह की नींद उड़ाने का दावा किया था। लेकिन जातीय समीकरण उनके दावों के बिल्कुल विपरीत दिख रहे हैं। यह रिपोर्ट बता रही है मायावती की स्वयं की नींद उड़ी हुई है!

जमीनी धरातल से सम्बन्धित जातीय गणित

मायावती की नींद क्यो उड़ेगी उसके लिए जमीनी धरातल से सम्बन्धित गणित को जानने और समझने की जरूरत है।क्योंकि लगभग सारा मीडिया कल से जातीय गणित का ही राग अलाप रहा है।

यूपी में 44 प्रतिशत वोट पिछड़े वर्ग के

अगर जातीय आधार पर वोटों का प्रतिशत देखा जाए तो यूपी में 9 प्रतिशत यादव सपा का प्रतिबद्ध वोटर। जबकि 7 प्रतिशत लोध BJP का प्रतिबद्ध वोटर है। वहीं 7 प्रतिशत कुर्मी वोटबैंक का 70-80 प्रतिशत हिस्सा बीजेपी और अपना दल गठबंधन के साथ है।

बाकी के मौर्य, कुशवाहा, सैनी, काछी, शाक्य जाति के वोट बैंक से 7 प्रतिशत में पलड़ा बीजेपी का ज्यादा भारी दिख रहा है। वहीं 3 प्रतिशत जाट जो किसी समय अजित सिंह के साथ दिखता वो भी बंटा हुआ दिखाई दे रहा है। क्योकि सपा-बसपा गठबंधन ने उनके लिए केवल 2 सीटें ही छोड़ रखी हैं। 1.5 प्रतिशत गूजर किसी दल विशेष का प्रतिबद्ध वोटबैंक नहीं है। इसके मतदाता चुनावी माहौल व प्रत्याशी के अनुसार अपनी प्रतिबद्धता तय करते हैं।

यह लेखाजोखा 44 प्रतिशत में से 34.5 प्रतिशत पिछड़े वर्ग के वोट बैंक का है। जो साफ बता रहा है कि लोकसभा 2019 के चुनाव में किसका पलड़ा भारी होगा। शेष बचा 9.5 प्रतिशत भी मोदी फिलहाल मोदी के पक्ष में दिख रहा है।

यूपी में दलित वोटों का प्रतिशत

यूपी में दलित वोट लगभग 21.1 प्रतिशत है जिसमें 9 प्रतिशत जाटव हैं जो BSP का प्रतिबद्ध वोटबैंक है। शेष 12 प्रतिशत में पासी,बाल्मीकि,खटिक एवं 1-2 अन्य जातियों का समूह लगभग 6 प्रतिशत है। जो बसपा के शुरुआती दौर के बाद उसका प्रतिबद्ध वोटर कभी नहीं रहा। क्योंकि बाद में मायावती के विरुद्ध इनके अपने जातीय क्षत्रप उभरे। सीधी लड़ाई में इस वोटबैंक का झुकाव BJP की ही तरफ दिखाई पड़ता है। खासकर उन सीटों पर शत प्रतिशत झुकाव होगा जहां सपा लड़ेगी।

शेष बचे 6 प्रतिशत में छोटे छोटे अनेक जातीय समूह हैं। इस 6 प्रतिशत दलित वोट बैंक की लड़ाई में मायावती का जातीय कार्ड बनाम मोदी के सौभाग्य,उज्ज्वला, आवास,शौचालय कार्ड में कांटे की टक्कर होगी। लेकिन केवल उन 38 सीटों पर जहां बसपा लड़ेगी। शेष 42 सीटों पर इस वोटबैंक के 80 प्रतिशत हिस्से का झुकाव BJP की तरफ होगा।

38 सीटों पर वोट बैंक का शत प्रतिशत

जिन 38 सीटों पर बसपा चुनाव लड़ने की तैयारी कर रही है उन 38 सीटों पर शत प्रतिशत यादव वोट उसको मिलेगा!! ऐसा संभव होता फिलहाल दिख नही रह है।अपने हिस्से की 38 सीटों पर शतप्रतिशत यादव वोटबैंक ट्रांसफर होने का हसीन सपना देख रही मायावती के उन हसीन सपनों पर बहुत तगड़ी सर्जिकल स्ट्राइक की पुख्ता तैयारी में शिवपाल सिंह यादव ने पिछले कई महीनों में कोई कसर बाकी नहीं छोड़ी है। यादव वोट बैंक में शिवपाल सिंह यादव को मिल रहे जमीनी समर्थन की सच्चाई अगर जाननी समझनी हो तो यादव बहुल क्षेत्रों में हो रहीं शिवपाल सिंह यादव की रैलियों में उमड़ रही भीड़ के इरादे समझने पड़ेंगे।

मुलायम का मास्टर स्ट्रोक

चुनावी मैदान में खासकर बसपा कोटे वाली 38 सीटों पर शिवपाल सिंह यादव के प्रत्याशियों की सूची के नाम देखकर नींद तो मायावती की उड़ जाएगी। यह मास्टर स्ट्रोक होगा मुलायम सिंह यादव का। मायावती की समझ में जब यह मास्टर स्ट्रोक आएगा, तबतक बहुत देर हो चुकी होगी।

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