लखनऊ। राष्ट्रीय लोकदल (RLD) व्यापार प्रकोष्ठ के प्रदेश अध्यक्ष रोहित अग्रवाल (Rohit Agarwal) के नेतृत्व में पूर्व में ज्ञापन के माध्यम से उत्तर प्रदेश में मंडी शुल्क समाप्त करने और अन्य किसानों की समस्याओं को लेकर मांग की गयी थी, जिसका अनुस्मारक भी 7 जनवरी 2023 को राज्यपाल को भेजा गया था। जिस पर आज अन्तिम मुहर लगाते हुये आधिकारिक रूप से स्वीकार करते हुये नोटिफिकेशन जारी किया गया है।
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श्री अग्रवाल ने बताया कि प्रदेश में किसानों द्वारा मक्का, बाजरा, चावल आदि मुर्गी दाने के अवयव बिहार, मध्य प्रदेश और राजस्थान से मंगाए जाते हैं। अभी तक किसानों को फार्म के लिए अनाज मंगाने में परेशानी होती रही है। प्रदेश के अंदर जो भी खाद्यान्न मंगाया जाता है। उस पर मंडी शुल्क वसूला जाता रहा है, लेकिन जहां मंडी शुल्क नहीं है वहां से खाद्यान्न आने पर दंडात्मक शुल्क वसूला जाता रहा है।
उन्होंने आगे कहा कि राज्यपाल को ज्ञापन देने के पश्चात सरकार द्वारा प्रदेश के उद्योगों एवं किसानों के हित में उद्योगों द्वारा खरीदे जाने वाले कृषि उत्पाद पर मंडी शुल्क समाप्त करने की घोषणा की गयी थी और उत्तर प्रदेश कैबिनेट की बैठक में मंडी शुल्क को समाप्त करने का निर्णय ले लिया गया था, परंतु उसका सरकार द्वारा नोटिफिकेशन अभी तक नहीं प्राप्त हुआ था।
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आज राज्यपाल आनंदी बेन पटेल के द्वारा स्वीकृति प्रदान करते हुए आधिकारिक रूप से मंडी शुल्क को समाप्त करने की अधिसूचना जारी कर दी गई हैं। उन्होंने कहा कि जहां एक ओर उत्तर प्रदेश में खाद्य प्रसंस्करण इकाइयां प्रतिस्पर्धा में टिक सकेंगी वहीं प्रदेश के किसानों को भी अपनी उपज के उचित मूल्य प्राप्त होंगे।
उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय लोकदल समय समय पर किसानों के हक लिए आवाज उठाता रहा है और आगे भी उठाता रहेगा है। आज जारी नोटिफिकेशन से निश्चित रूप से लाभ होगा क्योंकि दो दो बार मंडी शुल्क नहीं देना होगा।