भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए क्रेडिट रेटिंग एजेंसी मूडीज की ओर से एक नकारात्म खबर सामने आई है। मूडीज इन्वेस्टर्स सर्विस ने भारत की क्रेडिट रेटिंग को स्टेबल से नेगेटिव कर दिया है। भारतीय अर्थव्यवस्था में सुस्ती के बीच मूडीज ने यह बड़ा अनुमान व्यक्त किया है। मूडीज ने BAA2 रेटिंग की पुष्टि की है और उसका मानना है कि इकोनॉमी में सुस्ती का जोखिम बढ़ता जा रहा है। इसलिए उसमें रेटिंग घटाई है। मूडीज की इस रिपोर्ट से अंदाजा मिलता है कि किसी देश की सरकार और वहां की नीतियां आर्थिक कमजोरी से मुकाबले में कितनी प्रभावी है।
इसके पहले भी कई रेटिंग एजेंसियां भारतीय अर्थव्यवस्था में बढ़त और यहां के नजरिए के बारे में अपने अनुमान को घटा चुकी हैं। अप्रैल से जून की तिमाही में भारत के जीडीपी में बढ़त महज 5 फीसदी रही है, जो 2013 के बाद सबसे कम है।
कमजोर मांग और सरकारी खर्च घटने की वजह से अर्थव्यवस्था की रफ्तार बढ़ नहीं पा रही। एक साल पहले की समान अवधि में जीडीपी में ग्रोथ 8 फीसदी की हुई थी।
बता दे कि इससे पहले अक्टूबर के महिने में ही मूडीज इनवेस्टर्स सर्विस ने 2019-20 में जीडीपी ग्रोथ के अनुमान को घटाकर 5.8 फीसदी कर दिया था। पहले मूडीज ने जीडीपी में 6.2 फीसदी की ग्रोथ होने का अनुमान जारी किया था।
सितंबर महीने में रेटिंग एजेंसी क्रिसिल ने दावा किया था कि भारत में आर्थिक सुस्ती अंदेशे से ज्यादा व्यापक और गहरा रहा है. तब क्रिसिल ने भी जीडीपी ग्रोथ के अनुमान को घटा दिया था. क्रिसिल के मुताबिक 2019-20 में देश की जीडीपी ग्रोथ 6.3 फीसदी रहने का अनुमान है।