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यूपी के 73 रेलवे स्टेशनों पर उपलब्ध कराए गए हैं ‘एक स्टेशन एक उत्पाद’ बिक्री केन्द्र

• ओएसओपी का उद्देश्य है ‘वोकल फॉर लोकल’ विजन को बढ़ावा देना और स्वदेशी उत्पादों के लिए बाजार उपलब्ध कराना

लखनऊ। रेल मंत्रालय ने भारत सरकार के ‘वोकल फॉर लोकल’ विजन को बढ़ावा देने, स्वदेशी उत्पादों के लिए एक बाजार प्रदान करने तथा समाज के वंचितों वर्गो के लिए अतिरिक्त आय के अवसर जुटाने के उद्देश्य से भारतीय रेलवे ने वन स्टेशन वन प्रोडक्ट (ओएसओपी) योजना शुरू की है। इस योजना के तहत, रेलवे स्टेशनों पर ओएसओपी केन्द्रों को स्थानीय उत्पादों को प्रदर्शित करने, बेचने और उच्च दृश्यता प्रदान करने के लिए आवंटित किया जाता है।

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इसकी पायलट योजना 25 मार्च 2022 को शुरू की गई थी और 01 मई 2023 तक उतर प्रदेश के 73 स्टेशनों को इस योजना में शामिल किया गया है। इन ओएसओपी स्टालों को एकरूपता प्रदान करने के लिए राष्ट्रीय डिजाइन संस्थान के माध्यम से डिजाइन किया गया है।

वन स्टेशन वन प्रोडक्ट (One Station One Product) स्थान विशेष के विशिष्ट उत्पादों के लिए केंद्रित है। इसमें स्वदेशी जनजातियों द्वारा बनाई गई कलाकृतियां, स्थानीय बुनकरों द्वारा हथकरघा, विश्व प्रसिद्ध लकड़ी की नक्काशी जैसे हस्तशिल्प, कपड़े पर चिकनकारी और जरी-जरदोजी का काम, या मसाले चाय, कॉफी, और अन्य संसाधित / अर्ध-प्रसंस्कृत खाद्य पदार्थ/क्षेत्र में स्वदेशी रूप से उगाए गए उत्पाद शामिल हैं। । इस योजना के तहत उत्पाद श्रेणियों में हस्तशिल्प/कलाकृतियां, कपड़ा और हथकरघा, पारंपरिक वस्त्र, स्थानीय कृषि उत्पाद (बाजरा सहित)/प्रसंस्कृत/अर्ध-प्रसंस्कृत खाद्य पदार्थ शामिल हैं।

इस अवधारणा का उद्देश्य रेलवे स्टेशन पर स्थानीय स्वदेशी उत्पादों को लोकप्रिय बनाना है ताकि यात्रियों को भारत की समृद्ध विरासत का अनुभव करने का अवसर मिल सके और समाज के वंचित वर्ग के लिए अतिरिक्त आय के अवसर पैदा किए जा सकें। इन उत्पादों से जुड़े कारीगर, बुनकर, शिल्पकार, स्वयं सहायता समूह, जनजातीय सहकारी समितियां आदि, उत्तर प्रदेश राज्य भर में रेलवे स्टेशनों पर अपने उत्पादों को बेच रहे हैं। इस योजना के माध्यम से विक्रेताओं और उनके परिवारों के जीवन को बदलने का कार्य किया जा रहा है।

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पूरे उत्तर प्रदेश राज्य में OSOP स्टालों में भगवान कृष्ण की पीतल की मूर्ति और फोटो फ्रेम, कालीन, चिकन जरी-जरदोजी परिधान, कृषि हर्बल उत्पाद, टेराकोटा की कलाकृतियां, जूट उत्पाद, अचार, जैम, जेली, केचप, काला नमक चावल (सिद्धार्थनगर और आस-पास के क्षेत्रों की एक अनूठी चावल की किस्म), ब्लैक पॉटरी, लकड़ी के खिलौने और केले के फाइबर उत्पाद आदि सहित विभिन्न प्रकार के उत्पाद शामिल हैं।

ओएसओपी आउटलेट वाले स्टेशनों का विवरण

आगरा कैंट, आगरा किला, अकबरपुर, अमरोहा, आनंदनगर, आंवला, अयोध्या, बादशाहनगर, बालामऊ, बलिया, बनारस, बाराबंकी, बरेली सिटी, बरेली, बेहटा गोकुल, चंदौसी, फतेहपुर, गाज़ियाबाद, गोंडा, गोरखपुर, हापुड़ , हरदोई, ईदगाह, कानपुर अनवरगंज, कानपुर सेंट्रल, कासगंज, खेरली, कोसीकलां, लखीमपुर, लखनऊ जं, लखनऊ, माखी, मानिकपुर, मथुरा जं., मऊ, मऊरानीपुर, मेरठ शहर, मीरांपुर कटरा, मिर्जापुर, मुरादाबाद, मुजफ्फरनगर, नजीबाबाद, नौतनवा, उरई, प्रतापगढ़, प्रयागराज छिवकी, प्रयागराज जं, पं. दीन दयाल उपाध्याय, पुखरायां, रामगंगा ब्रिज, रामपुर, रेणुकूट, रोज़ा (रोज़ा), सफीपुर, सहारनपुर, संडीला, शाहजहांपुर, सिद्धार्थनगर, सीतापुर, सूबेदारगंज, टुंडला, वाराणसी, वाराणसी शहर, वीरांगना लक्ष्मी बाई झाँसी, अयोध्या कैंट, बाँदा, चित्रकूट, निहालगढ़, फूलपुर, प्रयाग, रायबरेली, शाहगंज, उन्नाव।

रिपोर्ट-दया शंकर चौधरी

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