लखनऊ। सावन के पहले सोमवार पर झमाझम हुई बारिश ने लखनऊ नगर निगम की पोल खोल कर रख दी। अस्पतालों, घर आदि में पानी भरने से आम जनजीवन प्रभावित हो रही है। शहर के लगभग हर रोड पर जलभराव देखने को मिल रहा है।
नगर निगम : टूटे पड़े है सीवर के ढक्कन
काफी लम्बे समय से चले आ रहे सीवरलाइन के कार्य के बाद अभी भी जगह-जगह गड्ढे खुले पड़े है तो कही कार्य होने के बाद रोड की मरम्मत नहीं किया गया है। वहीँ अधिकांश इलाकों में सीवरलाइन के ढक्कन टूटे हुए दिखाई दे जायेंगे।
ऐसे में ये प्रश्न उठना लाज़मी है की आखिर जिस सीवर को सालों-साल के लिए बनाया गया, जिसे शहर का पूरा भार उठाना है, अगर उसके ढक्कन अभी से ही टूटने लगे हों, जब की इसे लगे एक वर्ष भी नहीं हुए हैं, तो ये नगर निगम व सरकार की व इसे बना रहे ठेकेदारों की गुणवत्ता पर बहुत बड़ा प्रश्न चिन्ह खड़ा करता है।
जगह-जगह जलभराव, नहीं हो रहा पानी की निकासी
मौसम विभाग की तरफ से पहले ही बारिश की आंशका जताई गयी थी, जिसके बाद लखनऊ की महापौर संयुक्त भाटिया ने सभी पार्षदों को उनके इलाके की नालियों को साफ़ करने के सख्त निर्देश दिए थे। लेकिन गली, मोहल्लों व शहर के मुख्यमार्ग पर हो रहे जलभराव शहर की पूरी हकीकत खोल के रख दे रहे हैं। नतीजतन पूरी राजधानी में लोग जगह जगह जलभराव की समस्याओं से जूझ रहे है।
अब तक यूपी में बारिश के चलते हुई घटनाओं में करीब 70 लोगों की मौत हो चुकी है। गलियों के टूटे और खुले पड़े सीवर के ढक्कन के वजह से कभी भी कोई हादसा हो सकता है। ऐसे में इसका जिम्मेदार किसे ठहराया जायेगा।