अदिति ने बताया कि रोमानिया पहुंचने के बाद, पूरी रात जागकर गुज़ारी। बस में तिरंगा लगे होने के कारण, रूसी सैनिको ने बसों को नहीं रोका। जिससे हम लोग सुरक्षित रहे और अपने घर तक पहुँच सके। केन्द्र सरकार की ओर से ऑपरेशन गंगा सराहनीय कदम है। घर आकर हम ख़ुद को सौभाग्यशाली समझ रहे हैं। हम लोग एक युद्ध लड़कर आए है। सरकार से यही मांग है कि जो भी छात्र वहाँ फंसे हैं, उनकी भी जल्द से जल्द सुरक्षित घर वापसी कराई जाए।
- Published by- @MrAnshulGaurav, Written by- Rahul Tiwari,
- Wednesday, 02 Febraury, 2022
औरैया। आपरेशन गंगा के तहत यूक्रेन से स्वदेश घर वापस आयी अदिति यादव ने कहा कि वह अब शांति और सुकून महसूस कर रही है। अदिति ने यूक्रेन जंग के दौरान, वहाँ के हालातों की कहानी बयाँ करते हुए कहा कि उसने वहाँ पर चार दिन दहशत में बिताए और चिंतित थी कि कैसे सुरक्षित अपने देश और घर पहुँचेगी। अदिति का फूल मालाओं से स्वागत किया गया।
अदिति ने कहा कि अब परिजनों से मिलकर बहुत अच्छा लग रहा है। मगर, उसने अपने कैरियर को लेकर चिंता व्यक्त की। बताया कि यूक्रेन पर रूसी हमलों के बीच तमाम दिक्कतों का सामना करती हुई वह सोमवार को यूक्रेन बार्डर पार कर, रोमानिया पहुँची थी। मंगलवार की सुबह करीब तीन बजे वहाँ की राजधानी बुखारेस्ट से फ्लाइट पकड़कर शाम चार बजे दिल्ली पहुँची। जहाँ से प्रशासन के सहयोग से देर रात 11 बजे सकुशल अपने घर बिधूना पहुँच गयी थी।
वहाँ के हालातों की बयां की कहानी –
यूक्रेन के इवानो फ्रैंकिवस्क शहर के मेडिकल विश्वविद्यालय में एमबीबीएस तृतीय वर्ष की छात्रा अदिति ने बताया कि उन लोगों को युद्ध की जानकारी 23 फरवरी को तब हुई जब उनके शहर का एयरपोर्ट बम धमाकों से उड़ा दिया गया, जिसके बाद, वह सभी दहशत में आ गये थे। उसी दिन के बाद से, हम लोगो को एलर्ट कर दिया गया था कि सभी लोग खाने-पीने और दैनिक ज़रूरतो की वस्तुओं का स्टाॅक कर लें, क्योंकि कर्फ़्यू लग सकता है।
ख़ुद ही बसें अरेंज कर पहुँचे रोमानिया बार्डर, तिरंगे ने ढाल बनकर बचाई जान-
अदिति ने आगे बताया कि हमले के बाद, हम लोगों का प्रयास था कि किसी तरह रोमानिया बार्डर पर पहुँच जाएँ। यूक्रेन में उन्हें कोई मदद नहीं मिल रही थी, जिसके बाद, उन लोगों ने स्वयं बसों को अरेंज कर उनमें तिरंगा लगाकर, 25 फरवरी को रोमानिया बार्डर के लिए निकल गए थे। बसों में तिरंगा लगे होने पर किसी प्रकार का कोई हमला आदि नही किया गया। बसों को साधारण निकलने दिया गया। बार्डर पर भीड़ अधिक होने के कारण, दस किलोमीटर दूर रोक दिया गया था। वहाँ से 10 किलोमीटर पैदल चलकर हम लोगों ने बार्डर पार किया। अदिति ने बताया कि रोमानिया के लोग मदद कर रहे हैं। वहाँ के लोग, दो किलोमीटर तक काउंटर लगाकर फ्री में आवश्यक वस्तुएं उपलब्ध कर रहे हैं।
रोमानिया में पूरी रात जागकर बितायी –
अदिति ने बताया कि रोमानिया पहुंचने के बाद, पूरी रात जागकर गुजारी। बस में तिरंगा लगे होने के कारण, रूसी सैनिको ने बसों को नहीं रोका। जिससे हम लोग सुरक्षित रहे और अपने घर तक पहुँच सके। केन्द्र सरकार की ओर से ऑपरेशन गंगा सराहनीय कदम है। हम लोग अपने घर आकर अपने को सौभाग्यशाली समझ रहे हैं कि हम लोग एक युद्ध लड़कर आए है। सरकार से यही मांग है कि जो भी छात्र वहाँ फंसे हैं, उनकी भी जल्द से जल्द सुरक्षित घर वापसी कराई जाए।
रोमानिया से लेकर घर तक लाने में भारत सरकार ने की सभी व्यवस्था –
अदिति ने बताया कि रोमानिया से घर तक केन्द्र सरकारकी ओर से सभी व्यवस्थाएँ की गई हैं। रोमानिया से दिल्ली फ्लाइट भेजी गई, जिसके बाद दिल्ली एयरपोर्ट से यूपी भवन ले जाया गया। वहाँ पर हम लोगों को खाने-पीने के साथ ठहरने की व्यवस्था की गई है। वहां से पर्सनल कार से घर भेजा गया।
सुबह उठी लेट, पहले किया ईश्वर को धन्यवाद –
अदिति ने बताया कि वह देर रात घर पहुँची थी। रात में उसने सुकून भरी नींद ली और देर से उठी। नहा-धोकर सबसे पहले घर के मंदिर में जाकर पूजा अर्चना कर भगवान का धन्यवाद किया। अदिति की घर वापसी पर परिजनों की खुशी देखते बन रही है। माता गिरजा यादव, पिता मुकेश यादव, भाई वंश यादव और यश यादव ने अदिति का तिलक लगाकर माला पहनाकर स्वागत किया। परिजनों ने कहा कि छह दिनों से चिंता में सो भी नहीं पा रहे थे।