पिछले तीन वर्षों के दौरान उत्तर प्रदेश में औद्योगिक विकास की व्यापक रणनीति पर अमल किया गया। इसमें बड़े उद्योगों के साथ ही लघु व सूक्ष्म उद्योग भी शामिल थे। इसके दृष्टिगत प्रदेश सरकार ने अभूतपूर्व इन्वेस्टर्स समिट आयोजित किये, इसके पच्चीस सहमति प्रस्तावों पर क्रियान्वयन भी शुरू हो गया। दूसरी तरफ प्रदेश में एक जिला एक उत्पाद योजना भी लागू की गई। इसके भी सकारात्मक परिणाम मिल रहे है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को विरासत में निवेश के अनुकूल माहौल नहीं मिला था। उन्होंने सबसे पहले माहौल का निर्माण किया। उसके बाद उत्तर प्रदेश के प्रति निवेशकों का आकर्षण बढा। कोरोना संकट में विकास की यह यात्रा बाधित अवश्य हुई है। लेकिन योगी आदित्यनाथ ने आपदा को अवसर में बदलने का भी काम किया है। इसी दौर में श्रमिकों व कामगारों के लिए राज्य व जनपद स्तर पर श्रमिक आयोग का गठन किया गया।
ऐसा करने वाला उत्तर प्रदेश पहला राज्य है। प्रदेश वापस आये ग्यारह लाख श्रमिकों व कामगारों को आयोग के माध्यम से विभिन्न उद्यमों में समायोजित किया गया है। सवा करोड़ श्रमिकों को पिछले दिनों रोजगार उपलब्ध कराया गया। अनलाॅक के दौर में प्रदेश में लगभग आठ लाख औद्योगिक इकाइयां संचालित करायी गयी हैं। इनमें लगभग पचास लाख श्रमिक व कामगार कार्यरत हैं। लाॅक डाउन की शुरुआत में प्रदेश में पीपीई किट व मास्क निर्माण करने वाली कोई भी इकाई नहीं थी। अब करीब पैतालीस इकाइयां पीपीई किट निर्माण व निर्यात कर रही हैं।
आत्मनिर्भर भारत पैकेज।के अन्तर्गत अब तक प्रदेश में करीब ढाई लाख लाख औद्योगिक इकाइयों को लगभग छह हजार करोड़ रुपए का ऋण उपलब्ध कराया गया है। श्रम कानूनों में आवश्यक सुधार करते हुए प्रदेश में उद्यम स्थापना को सुगम बनाया गया है। उद्यम प्रारम्भ करने के तीन वर्ष तक श्रम कानूनों के अन्तर्गत अनुमति की आवश्यकता नहीं होगी। उद्यम स्थापना हेतु नया एमएसएमई एक्ट लाया जा रहा है। इससे उद्यम स्थापना में सुगमता होगी। प्रदेश में एक्सप्रेस।वेज का नेटवर्क उपलब्ध है। इसका निरन्तर विस्तार किया जा रहा है। पूर्वांचल एक्सप्रेस वे, बुन्देलखण्ड एक्सप्रेस वे तथा मेरठ को प्रयागराज से जोड़ने वाले गंगा एक्सप्रेस वे आदि के निर्माण प्रगति पर है। राष्ट्रीय जलमार्ग वन के माध्यम से प्रयागराज और वाराणसी को हल्दिया बंदरगाह से जोड़कर अब दक्षिण।पूर्व एशिया के बाजारों तक उत्पाद पहुँचना आसान हो जाएगा। प्रदेश में सात एयरपोर्ट क्रियाशील हैं। ग्यारह हवाई अड्डों के निर्माण की कार्यवाही प्रगति पर है।
जनपद गौतमबुद्धनगर के जेवर में एक अन्तर्राष्ट्रीय एयरपोर्ट का निर्माण कराया जा रहा है। इस एयरपोर्ट में डेढ़ लाख करोड़ रुपये के निवेश को आकर्षित करने की सम्भावना है। कुशीनगर में भी एक अन्तर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे की स्थापना की जा रही है। प्रदेश के दादरी में ईस्टर्न एवं वेस्टर्न फ्रीट काॅरिडोर का जंक्शन है। राज्य सरकार यहां वृहद लाॅजिस्टिक हब विकसित किया जा रहा है। ईज़ ऑफ डूइंग बिजनेस सुधारों को प्रभावी ढंग से लागू किया गया है। उत्तर प्रदेश इन्वेस्टर्स समिट के अवसर पर सिंगल विण्डो पोर्टल निवेश मित्र लॉन्च किया गया था,जिसके माध्यम से उद्योग केन्द्रित सेवाएं प्रदान की जा रही हैं। कृषि मण्डी सुधारों और श्रम सुधारों को निवेश अनुकूल बनाया गया है। स्टार्टअप फण्ड स्थापित किया गया है। प्रोत्साहन देने को स्टार्टअप नीति लागू की गई है।
प्रदेश के हर जिले में इन्क्यूबेटर्स स्थापित किए जा रहे हैं। एक जनपद-एक उत्पाद योजना को प्रभावी ढंग से लागू किए जाने से एमएसएमई क्षेत्र को लाभ हुआ है। पर्यटन क्षेत्र में भी उल्लेखनीय प्रगति हुई है। सरकार केन्द्र के सहयोग से रामायण सर्किट,कृष्ण सर्किट,बौद्ध सर्किट आदि का पर्यटन विकास करा रही है। इसके साथ ही विश्व स्तरीय पर्यटन सुविधाओं का भी विकास किया जा रहा है।