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विदेशी सहायता पर निर्भरता खत्म करेगा पाकिस्तान, प्रधानमंत्री बोले- ये IMF के साथ आखिरी समझौता होगा

पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने विदेशी सहायता और अंतराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) के राहत पैकेज पर पाकिस्तान की निर्भरता समाप्त करने और आर्थिक गतिविधियों में पड़ोसी देशों से आगे निकलने की प्रतिबद्धता जताई। उन्होंने नकदी संकट से जूझ रही सरकार के खर्चों को कम करने और अर्थव्यवस्था को फिर खड़ा करने के लिए कई साहसिक सुधारों की रूपरेखा पेश की है।

अगला समझौता आईएमएफ के साथ आखिरी होगा
शहबाज शरीफ ने शनिवार को राष्ट्र को संबोधित करते हुए उम्मीद जताई कि राहत पैकेज के लिए आईएमएफ के साथ अगला समझौता पाकिस्तान के इतिहास में आखिरी होगा। शरीफ ने अपनी सरकार के 100 दिन पूरे होने पर राष्ट्र को संबोधित करते हुए ये बात कही। पाकिस्तान सरकार वर्तमान में आईएमएफ के साथ छह से आठ अरब डॉलर के कर्ज के लिए बातचीत कर रही है। पाकिस्तान धीमी गति से चल रही अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने की कोशिश कर रहा है। शरीफ ने जोर देकर कहा कि हर पैसा देश और उसके लोगों की प्रगति पर खर्च किया जाएगा। उन्होंने खर्च कम करने और पांच साल के भीतर युवाओं को शिक्षा और कौशल प्रदान करने की प्रतिबद्धता व्यक्त की।

आर्थिक विकास में पड़ोसी देशों से होंगे आगे
प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने कहा कि ‘इंशाअल्लाह, यह पाकिस्तान के इतिहास में आईएमएफ का आखिरी प्रोग्राम होगा। हम अपने पैरों पर खड़े होंगे और आर्थिक विकास के मामले में अपने पड़ोसी देशों को भी पीछे छोड़ देंगे।’ शरीफ ने 4 मार्च को प्रधानमंत्री पद की शपथ ली थी। शरीफ ने कहा कि ‘दुनिया में ऐसे भी देश हैं, जिन्होंने एक बार आईएमएफ से मदद ली और उसके बाद उन्हें कभी भी आईएमएफ की जरूरत नहीं पड़ी। हमने आईएमएफ से 24-25 बार मदद ली है, लेकिन मैं आज आपको ये यकीन दिलाता हूं कि आईएमएफ के साथ अगला समझौता पाकिस्तान के इतिहास में आखिरी हो सकता है।’

शरीफ ने कहा कि ‘अब हम दुनिया के देशों से अब व्यापार को लेकर बात करेंगे न कि कर्ज लेने को लेकर। मुझे लगता है कि इसी तरह से पाकिस्तान कर्ज के जाल से निकल सकेगा।’ शरीफ ने कहा कि देश की भलाई के लिए कुछ कड़े फैसले लेने होंगे। शरीफ ने उन सभी संस्थानों, मंत्रालयों और अन्य विभागों को खत्म करने का फैसला किया, जो खजाने पर बोझ बने हुए हैं और वे जनसेवा में भी नहीं लगे हैं। इस फैसले से करदाताओं के अरबों रुपये बच सकते हैं।

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