लखनऊ। हज 2023 की गाईडलाइन व ऑनलाइन आवेदन फार्म में अत्याधिक विलम्ब पर पसमांदा मुस्लिम समाज ने नाराजगी जताई है। पसमांदा मुस्लिम समाज के राष्ट्रीय अध्यक्ष पूर्व मंत्री अनीस मंसूरी ने इस बारे में प्रधानमंत्री को पत्र लिखा है। उन्होंने कहा है कि मुसलमानो की कुल आबादी का 85 प्रतिशत पसमांदा मुसलमान हैं। ज़ाहिर हैं कि जिसकी संख्या ज़्यादा है वही लोग हज करने ज़्यादा जाते हैं और पसमांदा मुसलमानो में भी ज़्यादातर लोग हज के लिए थोड़े थोड़े रूपये जमा करके हज पर जाते हैं। फार्म देर से भरे जाने से लोगों को हज के खर्च का अनुमान नहीं हो पा रहा है। इस से उनको पैसों का इंतज़ाम करने में दिक़्क़त आयेगी।
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अनीस मंसूरी ने कहा कि एक तरफ हमारे देश के प्रधानमंत्री पसमांदा समाज के हितों की बात करते हैं हालाँकि अभी उन्होंने पसमांदा मुसलमानो के बारे में कुछ किया नहीं है और सबसे दुःखद बात यह है कि मुसलमानो के सबसे प्रमुख पांच सिद्धांतों में से हज जैसे फरीज़े के बारे में कोई निर्णय नहीं लिया जबकि हज 2023 की गाईडलाइन उनके कार्यालय में पड़ी है यह पसमांदा मुसलमानो के लिए बहुत दुःखद बात है।
अनीस मंसूरी ने कहा कि अगर समय से हज गाईडलाइन और ऑनलाइन आवेदन फार्म जारी हो जाते तो मक्के और मदीने में उनको अच्छी रिहाइश मिलती, लेकिन अब दुनिया के दूसरे देशों की सरकारों ने मक्का मदीना में अपने अपने हाजियों के लिए मकान /होटल बुक करा लिए हैं अब मक्का और मदीना में छंटे हुए कम सुविधाओं वाले मकान होटल बचे हैं। भारत सरकार की इस गलती का ख़मयाज़ा हमारे पसमांदा हाजियों को उठाना पड़ेगा। हालांकि हज कमेटी ऑफ़ इंडिया हाजियों से पूरा खर्च वसूलेगी।
अनीस मंसूरी ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि सस्ती हज यात्रा पानी के जहाज़ से संभव है। भाजपा के तत्कालीन अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री मुख़्तार अब्बास नक़वी ने हज सब्सिडी ख़त्म करते हुए कहा था कि हम हज सस्ता करने के कई विकल्प खोजेंगे जिसमें उन्होंने हज यात्रियों को पानी के जहाज़ से लाने ले जाने का वादा किया था लेकिन मुख़्तार अब्बास नक़वी ने ना तो पानी के जहाज़ की कोई व्यवस्था की और ना ही किसी विकल्प पर विचार किया।
अलबत्ता श्री नक़वी ने हज यात्रियों के लिए स्टैण्डर्ड बैग्गेज का बोझ लाद दिया इसके बदले में हज यात्री से रूपये 5500,, (पचपन सौ रूपये) लिए गये, इसके अलावा हज यात्रीयों से मक्का मदीना में चादर, तकिया, बाल्टी, मग वगैरा के लिए मोटी रक़म भी ली गई, इसके अलावा यात्रियों से मक्का मदीना में लोकल कंवेन्स के नाम पर बसों और मेट्रो ट्रैन का मोटा किराया वसूला गया जबकि यात्रियों ने एक ही साधन से यात्रा की और किराया दोनों साधनों का दिया। अनीस मंसूरी ने इस प्रकरण की प्रधानमंत्री से उच्च स्तरीय जांच की मांग की है। इस अवसर पर पसमांदा मुस्लिम समाज के प्रदेश अध्यक्ष वसीम राईनी कोषाध्यक्ष हाजी नसीम मंसूरी, संगठन मंत्री मौलाना इलियास मंसूरी, मण्डल अध्यक्ष लखनऊ खुर्शीद आलम सलमानी, हाजी शब्बन मंसूरी के अलावा काफी तादाद में लोग मौजूद थे।
रिपोर्ट-दया शंकर चौधरी