योगी आदित्यनाथ ने कहा कि आर्य समाज भारत का एक जीवन्त आन्दोलन रहा है। देश में जब बड़े पैमाने पर धर्मांतरण कराया जा रहा था,तो उस समय सबसे पहले आर्य समाज ने घर वापसी कराकर उसका जवाब दिया था।
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अंग्रेजों ने जब भारतीयों पर तुष्टीकरण की नीति को थोपा तब आर्य समाज ने देश में वैदिक आंदोलन की शुरुआत की। कराची तक आर्य समाज का बोलबाला था।
योगी आदित्यनाथ ने आर्य समाज बस्ती द्वारा आयोजित आर्य समाज के स्वर्ण जयंती महोत्सव कार्यक्रम को संबोधित किया।
उन्होंने कहा कि आर्य समाज ने स्वदेशी और अछूतोद्धार के कार्यक्रम को आगे बढ़ाया। आर्य समाज के आंदोलनों ने अनेक क्रांतिकारी दिए।
काकोरी ट्रेन एक्शन के महानायक पंo रामप्रसाद बिस्मिल, अशफाक उल्ला खां, ठाकुर रोशन सिंह भी आर्य समाज से जुड़कर आजादी की लड़ाई में शामिल हुए थे। शिक्षा को संस्कारों और आधुनिकता के साथ जोड़ने का कार्य आर्य समाज के संस्थापक महर्षी दयानंद सरस्वती ने किया था।
उन्होंने कहा कि डीएवी को एक समय देश की सबसे प्रतिष्ठित शिक्षण संस्थाओं में से एक माना जाता था, जहां पर वैदिक प्रार्थना और हवन यज्ञ के साथ दिन की शुरुआत होती थी।
विगत दिनों प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने देश की राजधानी नई दिल्ली से महर्षि दयानन्द सरस्वती के 200वें वार्षिकोत्सव का शुभारम्भ किया था, जिसके माध्यम से प्रधानमंत्री जी ने देश व दुनिया में फैले हुए लाखों आर्यवीरों को जागृत किया था।
रिपोर्ट-डॉ दिलीप अग्निहोत्री