लखनऊ। लाइलाज महामारी से बचने और अपनी इम्यूनिटी बढ़ाने के लोग तरह-तहर के जतन अपना रहें हैं। ऐलोपैथिक, आयुर्वेदिक और होम्योपैथिक इलाज के साथ ही महामारी बचाव में योग और फिजियोथेरेपी मुख्य उपचार बनकर उभरा है। संक्रमण से बचने के लिए और चपेट में आने के बाद फेफड़ों को सामान्य स्थिति में लाने के लिए फिजियोथेरेपी तेजी से उपयोगी सिद्ध हो रही है, यह बात लोकबन्धु राजनारायण कोविड संयुक्त चिकित्सालय में फिजियोथेरेपिस्ट अखंड शुक्ला ने दी।
वरिष्ठ फिजियोथेरेपिस्ट श्री शुक्ल बताया कि कोरोना का प्रभाव फेफड़ों पर पड़ रहा है। संक्रमित होने पूर्व अधिकांश लोग फेफड़ों पर बचाने केलिए लोग प्रणायाम, अनुलोम-विलोम करते ही हैं। मगर संक्रमित होने के बाद जिन्हें हास्पिटल में भर्ती होना पड़ रहा है, उनमें फेफड़ों की खराबी की खासी दिक्कतें आती हैं। भर्ती मरीजों में भी फिजियोथेरेपी कारगर सिद्ध हो रही है। कोरोना मुक्ति के बाद, लंबे समत तक उनके फेफड़े सामान्य रूप से काम नही कर पा रहें हैं।
उन्होंने बताया कि कोरोना को मात दे चुके लोंगों को चेस्ट की फिजियोथेरेपी करनी चाहिये। ताकि फेफड़ों में आक्सीजन का आवागमन सुलभ हो सके और आक्सीजन की आपूर्ति ठीक होने लगेगी तो फेफड़े सामान्य होने के साथ ही शारीरिक दुर्बलता भी दूर होगी। उन्होंने बताया कि कोविड मरीजों के फेफड़ों में संक्रमण से कई हिस्से प्रभावित हो जाते हैं, जिनमें आक्सीजन का प्रभाव न होने से दिक्कते बनी रहती हैं।
श्री शुक्ल ने बताया कि ऐसे मरीजों को रेस्पेरेटरी फ्लोमीटर खरीदने की सलाह दी जाती है, जिसमें हवा खीचनें पर तीन रंगीन गेंदे उठानी होती है। इसके अलावा गुनगुना पानी का सेवन करने के बाद छत्ते को थपथपाना चाहिये, इससे जमा कफ आसानी से बाहर आ जाता है और सांस लेने में आसानी हो जाती हैं। उन्होंने बताया कि कोई भी मरीज उनके मोबाइल नंबर पर 9451989029 पर समस्या बताकर फिजियोथेरेपी की सलाह प्राप्त कर सकता है।