प्रधानमंत्री मोदी राम मंदिर के शुभारंभ से पहले ही शनिवार को अयोध्या पहुंच रहे हैं। इस दौरान वह अयोध्या को ही 16000 करोड़ रुपये से ज्यादा की सुविधाओं की सौगात देने वाले हैं। लेकिन प्रधानमंत्री मोदी इस दौरान सिर्फ अयोध्या ही नहीं बल्कि उत्तर प्रदेश के कई अलग-अलग जिलों की भी परियोजनाओं का लोकार्पण करेंगे। अयोध्या से उत्तर प्रदेश के अलग-अलग जिलों में किए जाने वाले लोकार्पण को सियासी नजरिए से बहुत महत्वपूर्ण माना जा रहा है। सियासी जानकार मानते हैं कि अयोध्या धाम से प्रधानमंत्री मोदी ‘लोकसभा चुनावों की पिच’ पर बैटिंग की शुरुआत करेंगे। ऐसा करके प्रदेश में होने वाली विकास की योजनाओं का ‘अयोध्या से सीधे कनेक्ट’ बनेगा। दरअसल इस लोकसभा चुनाव में अयोध्या में बनकर तैयार हुआ राम मंदिर भारतीय जनता पार्टी के लिए बड़े मुद्दों में शामिल है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शनिवार को अयोध्या पहुंचेंगे। इस दौरान वह अयोध्या में एक बड़ी जनसभा को भी संबोधित करने वाले हैं। इसके अलावा अयोध्या में 16000 करोड रुपये की कई महत्वपूर्ण योजनाओं का शुभारंभ कर विकास का बड़ा स्वरूप तैयार करने जा रहे हैं। जानकारी के मुताबिक प्रधानमंत्री वैसे तो अयोध्या में एयरपोर्ट के शुभारंभ से लेकर अयोध्या धाम रेलवे स्टेशन पर ट्रेनों के आवागमन की शुरुआत करेंगे। लेकिन महत्वपूर्ण बात यह भी है कि प्रधानमंत्री सिर्फ अयोध्या ही नहीं बल्कि उत्तर प्रदेश के कई अलग-अलग जिलों की योजनाओं का भी लोकार्पण करने वाले हैं, जिनमें कानपुर, उन्नाव, लखीमपुर, बनारस, अमेठी, पीलीभीत समेत शाहजहांपुर शामिल हैं। उत्तर प्रदेश के इन अलग-अलग जिलों में प्रधानमंत्री मोदी तकरीबन 5000 करोड़ रुपये की परियोजनाओं का लोकार्पण कर रहे हैं।
प्रधानमंत्री मोदी उन्नाव में सीवरेज ट्रीटमेंट वर्क, कानपुर के जाजमऊ में टेनरी क्लस्टर का लोकार्पण करेंगे। जबकि पीलीभीत लखीमपुर और शाहजहांपुर से गुजरने वाले नेशनल हाईवे के टू लेन समेत कानपुर के रूमा चकेरी चांदरी रेलवे लाइन को भी इलाके के विकास के लिए लोकार्पित करेंगे। इसके अलावा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अयोध्या से ही अपने लोकसभा क्षेत्र बनारस के गोसाई का बाजार फोरलेन बाईपास और कानपुर अमेठी की त्रिशुंडी परियोजना का लोकार्पण करेंगे। राजनीतिक विश्लेषक मिथिलेश राय कहते हैं कि यह महत्वपूर्ण हो जाता है कि प्रधानमंत्री अयोध्या में रहकर सिर्फ अयोध्या ही नहीं, बल्कि अयोध्या से प्रदेश के अलग-अलग हिस्सों में कई परियोजनाओं का लोकार्पण कर रहे हैं। मिथिलेश कहते हैं कि भारतीय जनता पार्टी के लिए अयोध्या इस वक्त बेहद महत्वपूर्ण है। पूरे देश और दुनिया में इस वक्त अयोध्या और राम मंदिर की चर्चा हो रही है। ऐसे में अगर अयोध्या से देश और प्रदेश के किसी भी हिस्से में परियोजना की शुरुआत होती है, तो वह सीधे अयोध्या से कनेक्ट करता है, जो सियासी रूप से भारतीय जनता पार्टी के लिए मुफीद भी है।
भाजपा की रणनीति के मुताबिक अगर अयोध्या से किसी परियोजना का प्रदेश या देश के किसी हिस्से के प्रारंभ होता है, तो उसका सियासी लाभ भी पार्टी को मिलना तय माना जा रहा है। इस लिहाज से प्रधानमंत्री मोदी का अयोध्या से प्रदेश के अलग-अलग हिस्सों में परियोजनाओं के लोकार्पण को सियासी नजरिए से भी देखा जा रहा है। पत्रकार जीडी शुक्ला कहते हैं कि भले ही आने वाले लोकसभा चुनाव में मोदी-योगी की सरकार की योजनाओं के सहारे यूपी में सियासी जमीन तैयार हुई हो, लेकिन एक हकीकत यह भी है कि उत्तर प्रदेश ही नहीं बल्कि पूरे देश में अयोध्या राम मंदिर से जिस तरीके से माहौल बना है, वह भाजपा के लिए सियासी तौर पर बहुत मुफीद लग रहा है। ऐसे में पार्टी भी जनता तक सियासी संदेश पहुंचाने का कोई मौका नहीं छोड़ना चाहती। वह कहते हैं कि अयोध्या से अलग-अलग जगह की परियोजनाओं की शुरुआत और लोकार्पण इस बात की तस्दीक भी करते हैं।