वाराणसी। आईआईटी बीएचयू में शुक्रवार शाम काव्य संध्या हुई। साहित्य अकादमी से पुरस्कृत कवि ज्ञानेंद्रपति ने टेक्नोक्रेट्स के बीच अपनी कविता ‘एक टुकड़ा ईश्वर’ सुनाई। उन्होंने कहा कि जरूरी नहीं कि उसे सुनाया ही जाए, कविता एक तरह का आत्म साक्षात्कार भी है।
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कवि ने कहा कि हिंदी कविता का परिसर तभी विकसित होगा, जब दूसरी शाखाओं में अध्ययन करने वाले छात्र एक साथ आएंगे। यह भाषा और साहित्य को समृद्ध करने वाली और छात्रों के व्यक्तित्व को निखारने वाली होगी।
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