लखनऊ। कांग्रेस के 135वें स्थापना दिवस पर लखनऊ पहुंचींं पार्टी की महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने शनिवार को पार्टी के प्रदेश मुख्यालय नेहरू भवन में एक कार्यक्रम में शिरकत की। कार्यक्रम के बाद प्रियंका गांधी कार्यालय से गुपचुप निकल कर कुछ पदाधिकारियों के साथ वह नागरिकता संशोधन कानून के विरोध में गिरफ्तार किए गए रिटायर्ड आइपीएस अधिकारी एसआर दारापुरी के घर रवाना हुईं।
काफिले को पुलिस ने फन मॉलके सामने रोक लिया। पुलिस धकियाती-जूझती रही, लेकिन वह रुकी नहीं और जुटते गए कार्यकर्ताओं के साथ करीब छह किलोमीटर का मार्च निकाल मंजिल तक पहुंचीं। यहां प्रियंका ने आरोप लगाया कि पुलिस ने उनसे मारपीट की और उनका गला दबाया।
ज्ञातव्य हो, राजधानी में बीते 19 दिसंबर को नागरिकता संशोधन कानून के विरोध प्रदर्शन मामले में रिटायर्ड आइपीएस एसआर दारापुरी गिरफ्तार किए गए थे। कांग्रेस के स्थापना दिवस समारोह के बाद पार्टी महासचिव और प्रदेश प्रभारी प्रियंका वाड्रा ने वरिष्ठ पदाधिकारियों के साथ बैठक की। इसके बाद तय था कि वह बाहर मैदान में कार्यकर्ताओं से मुलाकात करेंगी। तभी अचानक वह गाड़ी में बैठकर निकल गईं। घोषणा हुई कि दस मिनट में वह लौटकर आ रही हैं।
कार्यकर्ता और पदाधिकारी कार्यालय में ही थे और प्रियंका कुछ वरिष्ठ कांग्रेसजन के साथ रिटायर्ड आइपीएस एसआर दारापुरी के इंदिरानगर स्थित आवास जाने के लिए रवाना हो गईं। भनक लगते ही पुलिस ने उनकी गाड़ी गोमतीनगर में फन मॉल के सामने रोक ली और पूछताछ शुरू कर दी कि कहां जा रही हैं। प्रियंका ने तर्क दिया कि वह कोई जुलूस नहीं निकाल रहीं, किसी के घर मिलने जा रही हैं।
इसके बाद भी पुलिस ने उन्हें नहीं जाने दिया। इस दौरान पुलिस और प्रियंका गांधी वाड्रा की हॉट टॉक हुई।पुलिस द्वारा रोके जाने पर प्रियंका गांधी का गुस्सा फूटा। उन्होंने कहा कि बीच सड़क पर मुझे रोका गया। सारी गाड़ियां चल रही हैं, मुझे ही क्यों रोका गया ? क्योंकि मैं किसी के घर मिलने जा रही हूं। प्रियंका ने आपत्ति जताते हुए कहा कि जिस तरह से पुलिस ने उन्हें रोका, उससे हादसा भी हो सकता था। हॉट टॉक के बाद प्रियंका गांधी वाड्रा गाड़ी से उतरकर पैदल मार्च करते हुए आगे बढ़ीं। कुछ दूरी पैदल मार्च करने के बाद वह कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव धीरज गुर्जर के साथ दोपहिया वाहन पर सवार होकर आगे बढ़ी।
पॉलीटेक्निक चौराहा पहुंचते ही फिर उतरकर पैदल चलने लगीं। यहां दो महिला सीओ ने उन्हें बलरिटायर्ड क रोकने का प्रयास किया लेकिन, वह रुकी नहीं।थोड़ी देर में ही कार्यकर्ताओं की भीड़ प्रियंका की हमकदम हो गई और उनका जत्था जुलूस में तब्दील हो गया। रास्ते में कई जगह उन्हें रोकने का प्रयास किया लेकिन, प्रियंका चलती रहीं और करीब छह किलोमीटर का सफर तय कर इंदिरा नगर स्थित दारापुरी के आवास पहुंच गईं। प्रियंका ने यहां पत्रकारों से बातचीत में आरोप लगाया कि वह कोई मार्च नहीं निकाल रही थीं। फिर भी उन्हें रोका गया जिसकी पुलिस ने कोई वजह नहीं बताई। पुलिस ने उनसे मारपीट की, पकड़कर धक्का दिया और गला भी दबाया। पॉलीटेक्निक चौराहे पर पहुंचते ही पुलिस ने रोक लिया गया। इसके बाद वह कार में सवार होकर इंदिरानगर सेक्टर 18 तक पहुंची। यहां उनका काफिला जाम में फंस गया। इसपर प्रियंका पैदल मार्च करते हुए रिटायर्ड आइपीएस एसआर दारापुरी के घर कड़ी मश्क्कत करने के बाद पहुंचींं और उनके परिवार से मिलीं।
रिटायर्ड आइपीएस एसआर दारापुरी की पत्नी बातचीत कर प्रियंका गांधी ने उनको आश्वासन दिया कि जल्द ही उनके पति जेल से बाहर होंगे। उन्होंने कहा कि फिक्र न करें, आप खुद को मजबूत रखें…आपके पति जल्द बाहर होंगे। बताया जा रहा है कि कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी कार्यालय से चुपचाप निकल कर कुछ पदाधिकारियों के साथ गोमतीनगर फन मॉल तक पहुंचीं थीं। गाड़ी को पुलिस द्वारा रोके जाने के बाद प्रियंका वाड्रा मार्च करते हुए पुलिस घेरे को भेदते आगे बढ़ींं। इस दौरान उनके साथ शहर अध्य्क्ष मुकेश सिंह चौहान, प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू, रिटायर्ड राज्यसभा सदस्य प्रमोद तिवारी, रिटायर्ड केंद्रीय मंत्री जितिन प्रसाद मौजूद रहे।दारापुरी के परिवार से मुलाकात के बाद नागरिकता संशोधन कानून के विरोध में जेल में बंद पूर्व प्रवक्ता सदफ जाफर के परिवार से मिलने की योजना थी, लेकिन वहां नहीं पहुंच सकीं।