Breaking News

गंगा-यमुना में घटा प्रदूषण और सरयू भी हो रही निर्मल

• नमामि गंगे परियोजनाओं का दिखा बड़ा असर, प्रदेश की प्रमुख नदियों को मिला नवजीवन

• एक वर्ष में गंगा एवं उसकी सहायक नदियां, यमुना, रामगंगा और सरयू में गिरने वाले 72 और नाले किये टैप

• वाराणसी में रमना में 50 एमएलडी एवं रामनगर में 10 एमएलडी , अयोध्या में 12 एमएलडी, मथुरा में 30 एमएलडी, वृंदावन में 04 एमएलडी के एस.टी.पी के निर्माण कार्य पूर्ण

• कासगंज में 15 एमएलडी के एसटीपी बनकर तैयार

• अयोध्या, वाराणसी, मथुरा, वृंदावन, कानपुर में पवित्र नदियों का बदलने लगा स्वरूप

लखनऊ। उत्तर प्रदेश में कानपुर और वाराणसी में गंगा, अयोध्या में सरयू और मथुरा – वृंदावन में यमुना प्रदूषण मुक्त होने की ओर हैं। इन नदियों में गिरने वाले नालों को टैप कर दिया गया है और एसटीपी से जोड़ते हुए नालों के पानी का ट्रीटमेंट कर शोधित किया जा रहा है। इन प्रमुख शहरों के 37 नालों को नदी में गिरने से रोका गया है। अब इनके किनारों पर नए-नए एसटीपी बन गये हैं। इनमें नालों के सीवेज को आईएण्डडी विधि द्वारा टैप कर शोधित किया जा रह है।

प्रदेश सरकार की महत्वाकांक्षी योजना नामामि गंगे ने आस्था और विश्वास की प्रतीक नदियों को नया जीवन दिया है। नदियों को निर्मल और स्वच्छ बनाने के लिए दूषित नालों को रोकने के साथ प्रदूषण मुक्त करने का बड़ा काम किया है। वाराणसी में इसका असर दिखाई देने लगा है। यहां 161.31 करोड़ की लागत से रमना में 50 एमएलडी का नया एसटीपी तैयार हो चुका है, जिसमें गंगा नदी में गिरने वाले 03 नालों को आईएण्डी के माध्यम से टैप किया गया है। नालों के पानी को एसटीपी में ट्रीटमेंट कर शोधित किया जा रहा है। इसी तर्ज पर मथुरा-वृंदावन में यमुना नदी को भी प्रदूषण मुक्त बनाने के लिए सरकार ने नमामि गंगे कार्यक्रम के तहत मथुरा में 460.45 करोड़ की लागत से 20 नालों को टैप करने के साथ-साथ 30 एमएलडी के एसटीपी का निर्माण एवं वृंदावन में 42.82 करोड़ की लागत से 05 नालों को टैप करने के साथ-साथ 04 एमएलडी के एसटीपी के नवीनीकरण और उच्चीकरण का कार्य पूरा कर लिया है। गौरतलब है कि एक वर्ष में गंगा एवं उसकी सहायक नदियां, यमुना, रामगंगा और सरयू में गिरने वाले 72 और नाले टैप किये गये हैं। सरकार के प्रयास से नदियों के जल की गुणवत्ता में भी पहले से काफी सुधार आया है।

नमामि गंगे एवं ग्रामीण जलापूर्ति विभाग के प्रमुख सचिव अनुराग श्रीवास्तव ने बताया कि नदियों को प्रदूषण मुक्त करने के लिए युद्ध स्तर पर अभियान चलाया जा रहा है। खास तौर पर वो बड़े महानगर जहां से गंगा, यमुना और सरयू जैसी प्रमुख नदियां गुजरती हैं। वहां नालों को टैप करने के साथ-साथ नए एसटीपी शुरू किए जा रहे हैं। नदियों की स्वच्छता से जुड़ी हर योजना और हर कार्य की त्रिस्तरीय निगरानी की जा रही है।

अयोध्या में पवित्र नदी सरयू के जल की गुणवत्ता में आने लगा सुधार

नमामि गंगे कार्यक्रम के तहत धार्मिक व पौराणिक नगर अयोध्या में पवित्र नदी सरयू में गिरने वाले सभी नालों को टैप कर दूषित जल को सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट में पहुंचाया जा रहा है। इससे अयोध्या में पवित्र नदी सरयू के जल की गुणवत्ता में सुधार हुआ है। यहां 37.67 करोड़ की लागत से 05 नालों को आईएण्डडी विधि द्वारा टैप करने का बड़ा काम किया गया है। साथ में 12 एमएलडी के एसटीपी का निर्माण कार्य भी पूरा कर लिया गया है।

कानपुर नगरी में बदला गंगा नदी का स्वरूप

कानपुर नगरी में गंगा नदी का रूप बदल चुका है। यहां बिठूर में 13.40 करोड़ की लागत से 07 नालों को आईएण्डडी विधि द्वारा टैप किया गया है। नालों के पानी को एसटीपी में ट्रीटमेंट कर शुद्ध किया जा रहा है। इससे गंगा नदी का प्रदूषण अब खात्मे की ओर है। यहां नमामि गंगे कार्यक्रम के तहत सीवरेज योजना पर भी तेजी से काम हुआ है। 430.49 करोड़ की सीवरेज योजना से 106.67 किमी सीवर लाइनों को बिछाने का काम पूरा कर लिया गया है। इसके साथ ही 10350 सीवर हाउस कनेक्शन किये गये हैं और गंगा नदी में 182 किमी लम्बाई में गाद निकालने का काम पूरा कर लिया गया है।

About Samar Saleel

Check Also

भीख मांगने वालों ने कुचला महिला का सिर, स्टेशन की पार्किंग में फेंका; मामूली विवाद पर वारदात को दिया अंजाम

मथुरा : उत्तर प्रदेश के मथुरा में मथुरा जंक्शन रेलवे स्टेशन की धौली प्याऊ पार्किंग ...