चीन के नापाक इरादे अब भारत पर कभी भी फायर नहीं हो सकेंगे। भारतीय सेना की ओर से धासूं प्लान बनाया गया है। भारत-चीन सीमा पर अब इंडिया के इस कदम से दुश्मन भी कांपेगा। जी हां, उत्तराखंड में भारत की चीन और नेपाल सीमा में सुरक्षा व्यवस्था मजबूत करने की तैयारियां तेज हो गई हैं।
भारतीय सेना मूनाकोट के पास आयुध डिपो बनाएगी। सेना ने इसके लिए भूमि चयनित कर ली है। प्रस्तावित क्षेत्र के आस-पास किसी भी तरह के निर्माण पर रोक रहेगी। निर्माण को सामरिक दृष्टि से भी महत्वपूर्ण समझा जा रहा है। पिथौरागढ़ जिले की सीमा चीन और नेपाल से लगी हुई है। दोनो ही पड़ोसी देशों ने पिछले 10 वर्षों में सीमा में अपनी स्थिति को हर तरह से सुधारा है।
ऐसे में भारतीय सेना यहां अपनी स्थिति मजबूत कर रही है। आयुध डिपो मूनाकोट में सलेटी के पास बनाया जाएगा। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार सेना करीब 200 करोड़ से अधिक का बजट इसके निर्माण में खर्च करेगी। आयुध डिपो बनाने के लिए प्रारंभिक तैयारी शुरू कर दी है।
केंद्रीय आयुध भंडार महाराष्ट्र के वर्धा जिले के पुलगांव में स्थित भारतीय सेना का सबसे बड़ा आयुध भंडार है, जो कि लगभग 7,000-10,000 एकड़ में फैला है। इसकी गिनती एशिया के सबसे बड़े आयुध भंडारों में होती है। भारतीय सेना के कुल 12 आयुध भंडार हैं, जिनमें 11 फील्ड आयुध भंडार तथा एक केंद्रीय आयुध भंडार हैं। केंद्रीय आयुध भंडार नागपुर से 115 किलोमीटर दूर पुलगांव में स्थित है जिसमें सेना के सभी हथियारों व गोल बारूद का भंडारण किया जाता है। नागपुर से पुलगांव 1 घंटे की दूरी पर है।
सुरक्षा वॉल के निर्माण का कार्य प्रारंभ में किया जाना है। इसके लिए टेंडर भी लगाए जा चुके हैं। उधर, प्रधान मूनाकोट गोदावरी देवी ने बताया कि संबंधित भूमि पहले ही सेना के नाम दर्ज है। उसके आसपास के 500 मीटर क्षेत्र में जंगल है। इसलिए बिना विरोध के एनओसी दे दी है।