इजरायल के स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि कोविड -19 के खिलाफ फाइजर वैक्सीन की प्रभावशीलता इजराइल में 64 प्रतिशत तक कम हो गई है।अध्ययन में कैंब्रिज विश्वविद्यालय के साथ-साथ सीएसआईआर के वैज्ञानिक भी शामिल हुए थे।
इस अध्ययन में कहा गया है कि भारतीय प्रकार बी.1. 617 में तीन प्रमुख बदलाव दिखे हैं, जिनमें एल 452आर, ई484क्यू तथा पी681आर हैं। मंत्रालय के हवाले से कहा कि नया आंकड़ा 6 जून से 3 जुलाई के बीच की अवधि को संदर्भित करता है, जो यह बताता है कि संक्रमण से सुरक्षा में 94.3 प्रतिशत की प्रभावशीलता दर से काफी कम है, जिसे 2 मई से 5 जून के बीच मापा गया है।
हालांकि, आमतौर पर इसमें पहले दो ही बदलावों का जिक्र होता है और इस डबल म्यूटेशन वायरस के रूप में जाना जाता है। शोध के अनुसार, पी 681आर से इसकी संक्रामक क्षमता में इजाफा हुआ है। सभी बदलावों का कुल नतीजा यह भी है कि इंसान के शरीर में टीकाकरण से बनी न्यूट्रीलाइजिंग एंटीबाडीज इस वायरस के खिलाफ कम प्रतिरोध पैदा करती हैं।
इजराइल में टीकाकरण अभियान की शुरूआत के बाद से, 56.5 लाख से अधिक लोगों, यानि 60.6 प्रतिशत आबादी को टीके की पहली खुराक मिल चुकी है, जबकि 51.8 लाख लोगों ने दूसरी खुराक प्राप्त कर ली है।