ट्रम्प के इस दौरे से पहले ही उनकी इस यात्रा पर सवाल उठने शुरू हो गये है। माना जा रहा है कि ट्रम्प की इस ऐतिहासिक यात्रा और उनके स्वागत के लिये 100 करोड़ का खर्चा किया जा रहा है। कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा समेत कई नेताओं ने राष्ट्रपति ट्रंप के स्वागत में खर्च की जा रही रकम पर सवाल उठाया है। प्रियंका ने कहा कि राष्ट्रपति ट्रंप के आगमन पर 100 करोड़ रुपये खर्च हो रहे हैं, उन्होंने आरोप लगाया कि ये पैसा एक समिति के जरिए खर्च हो रहा है, लेकिन समिति के सदस्यों को पता ही नहीं कि वो उसके सदस्य हैं।
उन्होंने कहा क्या देश को ये जानने का हक नहीं कि किस मंत्रालय ने समिति को कितना पैसा दिया? समिति की आड़ में सरकार क्या छिपा रही है ? कांग्रेस के एक और वरिष्ठ नेता आनंद शर्मा ने भी इसी तरह का सवाल पूछा है कि अहमदाबाद में ट्रंप के स्वागत के लिए पैसा कहां से आ रहा है ये सच सामने आना चाहिए। कांग्रेस के इन नेताओं के बयानों से ये तो स्पस्ट है कि ट्रम्प का यह दौरा बड़े हंगामें भरा रहने वाला है। साथ ही कांग्रेस इस पूरे मुद्दे को आगे भी तूल देती रहेगी।
डोनाल्ड ट्रंप की भारत यात्रा से संबंधित जो आरोप कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी और उनकी पार्टी के दूसरे नेताओं ने लगाए थे उनका जवाब देने के लिए बीजेपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता संबित पात्रा ने बीजेपी हेड क्वार्टर में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की जिस में संबित पात्रा ने कहा, ‘यह पहली बार है जब अमरीका के कोई राष्ट्रपति अकेले भारत के लिए ही आ रहे हैं। जब भारत का क़द पूरे विश्व में बढ़ रहा है, तो कांग्रेस दुखी क्यों है? जब भी भारत खुश होता है, तो कांग्रेस दुखी क्यों हो जाती है? जहां तक भारत के हितों का सवाल है, तो कांग्रेस को चिंता नहीं करनी चाहिए, क्योंकि ट्रंप साहब ने खुद कई बार कहा है कि भारत अपने हितों के लिए बहुत मोलभाव करता है।’
संबित ने आगे कहा, ‘आज हम यूएस के साथ ऐसी ट्रेड और डिफेंस डील देख रहे हैं, जिनमें भारत के हित सर्वोपरि हैं। संबित ने आरोप लगाया कि यूपीए के समय ये सब सोचा भी नहीं जा सकता था। आज भारत सरकार के मंत्री और सेक्रेटरी यूएस के अपने समकक्षों से बात करते हैं, क्या कांग्रेस ने ये छूट पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह को दी थी?’
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि ‘नमस्ते ट्रम्प’ के होर्डिंग से पूरा अहमदाबाद शहर भरा पड़ा है लेकिन किसी भी होर्डिंग पर गुजरात सरकार, अहमदाबाद नगर निगम या किसी भी संस्था या समिति का नाम या लोगो अंकित नहीं है। यहां तक कि इन होर्डिंग पर किसी गैर सरकारी संस्था का भी नाम ओ निशान नहीं है। देखना दिलचस्प होगा कि जिस स्वागत समिति के द्वारा लगभग ₹100 करोड़ खर्च किए जा रहे उस स्वागत समिति का कहीं कोई नामो निशान है भी या नहीं। माना जा रहा है कि यह मामला आगे भी तूल पकड़ेगा।