प्रदेश की वर्तमान सरकार के कार्यकाल में लगभग 5 लाख से अधिक युवाओं को प्रशिक्षित किया गया
लखनऊ। उत्तर प्रदेश कौशल विकास मिशन द्वारा प्रदेश के 14 से 35 आयुवर्ग के अल्पशिक्षित तथा स्कूल ड्राप आउट युवाओं को निःशुल्क व्यावसायिक प्रशिक्षण देकर उन्हें आजीविका उपार्जन हेतु सक्षम बनाने की दृष्टि से अल्पकालीन कौशल प्रशिक्षण कार्यक्रम संचालित किये जा रहे है, जिसके तहत बेरोजगार युवकों को रोजगार प्राप्त करने मे मुश्किलों का सामना नहीं करना पड़ता।
इस सम्बंध में प्रदेश के व्यावसायिक शिक्षा एवं कौशल विकास राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) कपिल देव अग्रवाल ने बताया कि प्रदेश की वर्तमान सरकार के कार्यकाल में लगभग 5 लाख से अधिक युवाओं को विभिन्न ट्रेडों में प्रशिक्षित किया गया है। इस प्रकार उ.प्र. कौशल विकास मिशन द्वारा इस अवधि में लगभग 9 लाख युवाओं को विभिन्न रोजगार परक ट्रेड्स में प्रशिक्षित किया गया।
उन्होंने बताया कि वर्तमान सरकार के कार्यकाल में सेवायोजित युवाओं की संख्या में लगभग 3 लाख की वृद्धि हुयी है। वर्ष 2017-18 से वर्ष 2020-21 की अवधि में लगभग 4 लाख से अधिक युवाओं को विभिन्न ट्रेड्स में रोजगार उपलब्ध कराया गया। वर्ष 2017-18 से वर्ष 2020-21 की अवधि में डीडीयू-जीकेवाई सहित अन्य योजनाओं के तहत 735 निजी प्रशिक्षण प्रदाताओं को अनुबंधित किया गया।
मंत्री कपिलदेव के अनुसार उप्र कौशल विकास मिशन के प्रशिक्षण कार्यक्रमों की गुणवत्ता में सुधार की दृष्टि से समस्त प्रशिक्षण केन्द्रों पर आधार इनेबुल्ड बायोमैट्रिक उपस्थिति का अंकन अनिवार्य कर दिया गया है, ताकि शासकीय धनराशि का अधिकतम सदुपयोग हो सके। कौशल विकास मिशन द्वारा प्रशिक्षण कार्यक्रमों के संचालन हेतु आधुनिक एवं उच्च प्रकृति का स्वयं द्वारा प्रबंधित पोर्टल विकसित कर क्रियाशील किया गया है। इसके अलावा आरपीएल के माध्यम से 2.00 लाख से अधिक अप्रमाणित कुशल कामगारों को प्रशिक्षित व प्रमाणीकृत कराया गया है।
जनपद वाराणसी व चन्दौली के गैर-प्रमाणित शिल्पकारों को आरपीएल के माध्यम से मान्यता प्रदान किये जाने की व्यवस्था को लागू किया गया है। उन्होंने बताया कि रेडियो जिंगल्स के माध्यम से ऑल इण्डिया रेडियो के 12 प्राइमरी चैनलों, एफ.एम. रेनबो तथा 5 निजी एफ.एम चैनलों में रेडियो मिर्ची, रेडियो सिटी, फीवर एफ.एम., बिग एफ.एम. व रेड एफ.एम. के माध्यम से उप्र कौशल प्रशिक्षण योजनाओं का प्रचार-प्रसार कराते हुये अधिकाधिक युवाओं को प्रशिक्षण से जोड़ा गया है। साथ ही एल.ई.डी मोबाइल वैन तथा नुक्कड़ नाटकों के माध्यम से ग्रामीण व सुदूर क्षेत्रों में उप्र कौशल विकास मिशन के कार्यक्रमों व योजनाओं का प्रचार-प्रसार कराया गया है।
मंत्री ने बताया कि कौशल सतरंग कार्यक्रम के माध्यम से 7 संकल्पनाओं (सीएम युवा हब, मुख्यमंत्री युवा उद्यमिता विकास अभियान, सीएम ऐप्स मुख्यमंत्री अप्रेेन्टिसशिप प्रमोशन स्कीम, डीएसडीपी जिला कौशल विकास योजना, आईईसी गतिविधियां कौशल पखवाड़े का आयोजन, आईआईटी कानपुर व आईआईएम लखनऊ के साथ एमओयू, (आरपीएल) रिकग्नीशन ऑफ प्रायर लर्निंग तथा प्लेसमेंट एजेन्सीज के साथ अनुबंधन व रोजगार मेलों के आयोजन को समन्वित कराते हुये उन्हे क्रियाशील किया गया है। विगत 4 वर्ष 5 माह से अधिक के समय में 26 वृहद भौतिक रोजगार मेलों तथा 44 ऑनलाइन रोजगार मेलों के माध्यम से 36,604 युवाओं को रोजगार प्रदान कराया गया है। उन्होंनें बताया कि वर्तमान सरकार के कार्यकाल में पहली बार जून, 2018 में भारत सरकार व प्रदेश सरकार द्वारा संयुक्त रूप से रीजनल स्किल कॉम्पटीशन का आयोजन किया गया।
जिसमें उत्तर प्रदेश के अतिरिक्त 4 अन्य राज्यों के प्रशिक्षणार्थियों द्वारा भी प्रतिभाग किया गया है। कोविड संक्रमण के दौरान आनलाइन लर्निंग प्लेटफार्म कोर्सेरा के माध्यम से 50,000 युवाओं को अन्तर्राष्ट्रीय स्तर के प्रशिक्षण की सुविधा उपलब्ध करायी गयी। प्रशिक्षण के उपरांत सफल प्रशिक्षणार्थियों को अन्तर्राष्ट्रीय स्तर का प्रमाण पत्र प्राप्त होगा। प्रत्येक कौशल प्रशिक्षण योजना हेतु निर्धारित लक्ष्यों का 3 प्रतिशत भाग दिव्यांगजनों के प्रशिक्षण हेतु आरक्षित किया गया। वर्ष 2020-21 में यू.पी.एस.आर.एल.एम. से समन्वय कर 45 जनपदों में 27,000 से अधिक महिला स्वरोजगारियों को सिलाई-कढ़ाई के टैड में प्रशिक्षित किया गया।