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सभी के स्वस्थ रहने पर आएगी खुशहाली- राज्यपाल

• अंतिम व्यक्ति तक बेहतरीन चिकित्सा सुविधा पहुंचाने का केन्द्र व प्रदेश सरकार का लक्ष्य

• देश में खुल चुके हैं एक लाख 33 हजार हेल्थ & वेलनेस सेंटर, जल्द ही पूरा होगा डेढ़ लाख का लक्ष्य

• टेलीकंसल्टेशन से हर रोज हो रहा चार लाख से अधिक का उपचार

• सम्मेलन समुदायों तक गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाओं को पहुंचाने में सीएचओ की भूमिका अहम-मनसुख मांडविया

• सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारियों का दो दिवसीय अंतरराज्यीय सम्मलेन शुरू

वाराणसी। सभी के स्वास्थ्य की उचित देखभाल से ही देश में खुशहाली संभव है। यह तभी होगा जब समाज का अंतिम व्यक्ति तक बेहतरीन चिकित्सा सेवा मिलेगी। सरकार की मंशा के अनुरूप आम जन तक इस चिकित्सा व्यवस्था को पहुंचाने में सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारी (सीएचओ) अहम भूमिका निभा रहे हैं। राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारियों के दो दिवसीय अंतरराज्यीय सम्मलेन को वर्चुवली सम्बोधित करते हुए उक्त विचार व्यक्त किया।

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उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य जन्म से लेकर जीवन के अंतिम पल तक जुड़ा रहने वाला विषय है। केन्द्र और प्रदेश सरकार इस दिशा में निरंतर प्रयास कर रही है। बेहतर चिकित्सा व्यवस्था के लिए एक आन्दोलन जैसा चल रहा है। इसमें जन भागीदारी का नतीजा है कि हम तमाम बीमारियों पर अब काफी हद तक अंकुश लगा चुके है। उन्होंने कहा कि इसमें हेल्थ एण्ड वेलनेस सेंटर महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं। उन्होंने इच्छा जताई कि 45 वर्ष से अधिक उम्र की महिलाओं में बढ़ते उम्र के साथ होने वाले शारीकि व मानसिक बदलाव से उनके स्वास्थ्य पर पड़ने वाले प्रभाव पर भी विशेष ध्यान दिया जाए। हो सके तो ऐसी महिलाओं के लिए विशेष चिकित्सा शिविरों का आयोजन किया जाए।

इसके पहले केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने प्रदेश व अन्य प्रदेशों से आए मंत्री की उपस्थिति में दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया। सार्वभौमिक स्वास्थ्य कवरेज (#यूएचसी) दिवस पर रुद्राक्ष कनवेंशन सेंटर में शनिवार से शुरू हुए इस सम्मेलन को केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने सम्बोधित किया। उन्होंने कहा कि हमारा प्रयास है कि सभी को गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाएं उसके घर के समीप ही उपलब्ध हों। इस मंशा के अनुरूप ही जगह-जगह पीएचसी के साथ ‘हेल्थ एण्ड वेलनेस सेंटर भी खोले गये है। ‘हेल्थ एण्ड वेलनेस सेंटर पर तैनात सीएचओ समाज के अंतिम व्यक्ति तक निशुल्क, सस्ती व बेहतरीन चिकित्सा सुविधाओं को पहुंचाने में मददगार साबित हो रहे हैं।

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उन्होंने कहा कि कोरोना काल में स्वास्थ्यकर्मियों ने जो भूमिका निभायी उसकी न सिर्फ देश में बल्कि पूरी दुनियां में प्रशांसा हुई। देश के स्वास्थ्यकर्मियों ने यह साबित कर दिया कि विपरीत परिस्थ्यिों में रहते हुए भी हम सीमित संसाधनों में सभी को बेहतर स्वास्थ्य सेवा उपलब्ध करा सकते है। उन्होंने कहा कि ‘हेल्थ आर्मी’ ने कोरोना काल में जिस तरह अपने जीवन की चिंता किये बगैर काम किया उसी तरह उम्मीद है कि वह यूनिवर्सल हेल्थ कवरेज के लिए भी बेहतरीन परिणाम देकर एक इतिहास रचेगी। उन्होंने कहा कि देशभर में एक लाख पचास हजार हेल्थ एण्ड वेलनेस सेंटर बनाने का लक्ष्य रखा गया। इस लक्ष्य के अनुसार अबतक एक लाख 33 हजार हेल्थ एण्ड वेलनेस सेंटर खुल चुके हैं।

उन्होंने कहा सिर्फ हेल्थ एण्ड वेलनेस सेंटर खोले ही नहीं जा रहे है उन पर चिकित्सकों की तैनाती की भी योजना है। इसके लिए देश में नये मेडिकल कालेजों को खोलने का भी प्रयास चल रहा है। यह भी प्रयास है कि मेडिकल छात्र ऐसे हेल्थ एण्ड वेलनसे सेंटर पर अपनी सेवाए देने के लिए जुड़े। उन्होंने कहा कि आज देश में ई-संजीवनी प्लेटफार्म से हर रोज चार लाख से अधिक लोग इस सेवा का लाभ ले रहे है। उन्होंने कहा कि टीबी मुख्त भारत बनाने के लिए आज समाज के हर क्षेत्र से लोग आगे आ रहे है। निक्षय पोर्टल पर दर्ज आंकड़ों के अनुसार 44 हजार से अधिक क्षय रोगियों को अबतक जनप्रतिनिधियों, गैर सरकारी संस्थाओं से जुड़े प्रतिनिधियों, फर्मो एवं संगठनों ने गोद लिया है। ऐसा ही प्रयास होता रहा तो वर्ष 2025 तक देश को टीबी मुक्त बनाने में सफल रहेंगे।

सम्मेलन में टेलीकंसल्टेशन के माध्यम से उत्कृष्ट चिकित्सा सेवा प्रदान करने वाले बड़े राज्यों तमिलनाडू, आंध्रप्रदेश, तेलंगाना, एवं पश्चिम बंगाल को क्रमशः प्रथम, द्वितीय व तृतीय पुरस्कार प्रदान किया गया। इसी प्रकार संघ शासित क्षेत्र के चण्डीगढ़ एवं जम्मू-कश्मीर के साथ साथ उत्तर पूर्व पहाड़ी राज्यों में से मणीपुर एवं असम को पुरस्कृत किया गया।

सबसे अधिक आयुष्मान भारत हेल्थ एकाउंट जेनरेशन (आभा) आईडी बनाने वाले तीन बड़े राज्यों उड़ीसा,मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र, केन्द्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर के साथ उत्तरपूर्व पहाड़ी राज्य असम एवं मिजोरम को पुरस्कृत किया गया। आयुष्मान भारत के अंतर्गत बने हेल्थ एंड वैलनेस सेंटर पर उत्कृष्ट कार्य कर रही पांच राज्यों बिहार, झारखण्ड, मध्यप्रदेश, उत्तराखण्ड एवं उत्तर प्रदेश की टीमो को पुरस्कृत किया गया। सम्मेलन में अतिथियों का स्वागत अपर मिशन निदेशक (राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन) रोली सिंह व सचिव स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण राजेश भूषण ने किया।

मिशन निदेश,राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन यूपी अपर्णा ने सम्मेलन में समस्त अतिथियों के साथ-साथ प्रतिभाग कर रहे सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारियों, चिकित्सा अधिकारियों, जिला प्रशासन एवं मुख्य चिकित्सा अधिकारी वाराणसी की इस कार्यक्रम की सफलता के लिए धन्यवाद देते हुए आभार व्यक्त किया। कार्यक्रम में प्रदेश के मंत्रीद्वय रविन्द्र जायसवाल, डा.दयाशंकर मिश्र दयालु के अलावा विभिन्न राज्यों से आये स्वास्थ्य मंत्रीगण, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण (भारत सरकार) से आये अधिकारीगण के अलावा सहयोगी संस्था यूसेड, पाथ, डब्ल्यूएचओ, बिल एण्ड मिलिण्डा गेट्स फाउण्डेशन के प्रतिनिधि शामिल थे।

रिपोर्ट-संजय गुप्ता

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