निर्भया के चारों दोषियों को 1 फरवरी को फांसी की सजा दी जानी है, लेकिन जिस तरह से चारों दोषी सजा से बचने के लिए कानूनी दांव-पेंच कर रहे हैं, ऐसे में उनकी फांसी टलने की संभावना ज्यादा है। बता दें कि बीते दिन दोषी अक्षय की सुधारात्मक याचिका को कोर्ट ने खारिज कर दी। याचिका में कहा गया था कि महिलाओं के खिलाफ हिंसा पर जन दबाव और जनता की राय के चलते अदालतें दोषियों को फांसी की सजा सुना रही हैं।
फांसी टली तो ये होगी वजह:
नियमों के मुताबिक, अगर किसी मामले में एक से ज्यादा दोषियों को फांसी दी जानी है, तो किसी एक की याचिका लंबित रहने तक सभी की फांसी पर कानूनन रोक लगी रहेगी। निर्भया केस भी ऐसा ही है, चार दोषियों को फांसी दी जानी है। एक फरवरी को फांसी इसलिए भी नामुमकिन है, क्योंकि किसी भी दोषी को फांसी देने से 14 दिन पहले उसे इसके बारे में बताना जरूरी होता है।
जेल प्रशासन के वकील का दावा, दी जा सकती है फांसी:
हालाँकि जेल प्रशासन के वकील ने इस मामले में जानकारी देते हुए कहा, ‘दिल्ली प्रिजन रूल के जिस प्रावधान को आधार बनाकर फांसी की तारीख़ टालने की कोशिश की गयी है। वह इस केस में लागू नहीं होता। विनय की दया याचिका राष्ट्रपति के पास लंबित है, उसे छोड़कर बाकी तीनों को फांसी दी जा सकती है।’