लखनऊ। ग्राहकों को चेक के धोखाधड़ीपूर्ण भुगतान से बचाने के लिए पंजाब नैशनल, देश के अग्रणी सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक, ने ₹5 लाख और इससे अधिक के चेक के भुगतान हेतु पॉजिटिव पे सिस्टम (पीपीएस) अनिवार्य कर दिया है। यह नियम दिनांक 05 अप्रैल से प्रभावी होगा।
पीपीएस भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम (NPCI) द्वारा विकसित की गई एक प्रणाली है, जिसमें ग्राहकों को निश्चित राशि के चेक जारी करते समय आवश्यक विवरण (खाता संख्या, चेक नंबर, चेक अल्फा कोड, जारी करने की तिथि, राशि और लाभार्थी का नाम) की पुन: पुष्टि करने की आवश्यकता होती है। यह ऐसे चेकों की प्रोसेसिंग करते समय किसी भी संभावित जोखिम के विरुद्ध सुरक्षा का एक अतिरिक्त स्तर बनाता है।
ग्राहक शाखा कार्यालय, व्यक्तिगत एवं कारोबार के लिए ऑनलाइन बैंकिंग, मोबाइल बैंकिंग (पीएनबी वन), या एसएमएस बैंकिंग के माध्यम से चेक विवरण प्रदान करके पीपीएस सुविधा का उपयोग कर सकते हैं। यह विवरण चेक प्रस्तुतीकरण (समाशोधन) तिथि से एक कार्य दिवस पूर्व प्रस्तुत किया जाना है।
भारतीय रिज़र्व बैंक (आरबीआई) के दिशानिर्देशों के अनुसार, पीएनबी ने 01 जनवरी, 2021 से सीटीएस(CTS) समाशोधन में प्रस्तुत ₹50,000 और इससे अधिक के चेक के लिए पीपीएस का शुभारम्भ किया था। आरबीआई ने संस्तुति की थी कि इस सुविधा का लाभ उठाना खाताधारक के विवेकाधिकार पर है और बैंक इसे रु.5 लाख और इससे अधिक के चेक के लिए अनिवार्य करने पर विचार कर सकते हैं।
केवल वे चेक जिन्हें पीपीएस में पंजीकृत किया गया है, विवाद समाधान तंत्र के अंतर्गत स्वीकार किए जाएंगे। पूर्व में पीपीएस में चेक विवरण जमा करने की अनिवार्यता रु.10 लाख और इससे अधिक के चेक के लिए निर्धारित की गई थी।