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रोल माॅडल बनीं पुष्पा पाल

अम्बेडकर नगर. अकबरपुर तहसील क्षेत्र के कुटियवा गांव निवासिनी पुष्पा पाल पिता के निधन के बाद ने सामाजिक क्षेत्र में काम करने की चुनौती न सिर्फ स्वीकार किया वरन उसे अभी तक भली-भांति आगे बढ़ा रही हैं। उनके इसी जज्बे व योगदान को देखते हुए राज्य सरकार ने गत वर्ष उन्हें रानी लक्ष्मी बाई पुरस्कार से लखनऊ में सम्मानित भी किया था। महिलाओं व बच्चों के हित में कार्य करने के लिए रोल माॅडल के रूप में उभरी पुष्पा पाल को बेवाना ब्लाॅक भवन के शिलान्यास मौके पर भी पुष्पा को सम्मानित किया गया।

यूं तो सामाजिक संस्थाओं का जिक्र आते ही कई तरह के सवाल खड़े होने लगते हैं, लेकिन इन्हीं के बीच कुछ ऐसे लोग व कुछ ऐसी संस्थाएं भी हैं, जिनके द्वारा अपनी जिम्मेदारी का बखूबी निर्वहन किया जा रहा है। जिले के सीमावर्ती इलाके बेवाना के कुटियवा गांव में रहने वाले रामवदन पाल ने जन कल्याण के लिए सामाजिक संस्था जन शिक्षण केन्द्र का गठन किया था। वे अपनी मुहिम को अंजाम तक पहुंचाने की कोशिश में जुटे ही थे कि उनका असामायिक निधन हो गया। संस्था से जुड़े लोग जब हताशा के दौर में थे, तभी रामवदन पाल की बेटी पुष्पा पाल ने बड़ा हौसला दिखाते हुए तय किया कि वे अपने पिता के अधूरे कार्यों को पूरा करने के लिए आगे आएंगी। इसके बाद उन्होंने समाज सेवा के क्षेत्र में खुलकर भागीदारी शुरू कर दी।

नतीजा यह रहा कि उन्होंने अपने पिता की राह पर चलते हुए नए ढंग से कार्ययोजना विकसित की और अकबरपूर, जलालपुर व कटेहरी विकास खंड के कुछ क्षेत्रों में महिलाओं,बच्चों व दिव्यांगों के लिए काम शुरू किया। पुष्पा के सामने शुरूआती दौर में कई कठिनाइयां भी आयीं, लेकिन उन्होंने उनका बखूबी मुकाबला किया। संसाधनों की परवाह किए बगैर वे लगातार गांव-गांव भ्रमण करती रहीं, और महिलाओं समेत सभी ग्रामीणों को जागरूक करने का अभियान तेज कर दिया। मौसम की परवाह किए बगैर वे अभी भी लगातार गांव-गांव पहुंचती हैं, जहां उनके संगठन के लोग पहले से ही ग्रामीणों को एकत्र किए रहते हैं। वहां उन्हें विभिन्न प्रकार से जागरूक किया जाता है। लोगों को पढ़ने लिखने का तौर तरीका मौके पर ही सिखाया जाता है।
उत्तर प्रदेश के राज्यपाल श्री राम नाईक गत वर्ष जिला मुख्यालय के एक कार्यक्रम में भाग लेने पहुंचे थे, तो वहां उन्होंने इस संगठन व उसके कार्यकर्ताओं का विस्तार से जिक्र भी किया था। दरअसल राज्यपाल जिले के महत्व को लेकर भाषण दे रहे थे। उसी क्रम में उन्होंने इस संगठन के कार्यों व प्रयासों का जिक्र करते हुए उनकी सराहना भी किया।

प्रस्तुति: प्रदीप कुमार सिंह

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