भारत-चीन सीमा पर पूर्वी लद्दाख की गलवान घाटी में हुई हिंसक झड़प में 20 भारतीय सैनिक शहीद हो गए हैं, जबकि 43 चीनी सैनिकों के भी हताहत होने की खबर है. भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सख्त रुख अख्तियार करने के बावजूद चीन लगातार शांति से मामला सुलझाने और भारत को धैर्य बनाए रखने की सलाह दे रहा है. बुधवार शाम भी चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि चीन अब सीमा पर और कोई हिंसक झड़प के पक्ष में नहीं है.
उधर अमेरिका (US) ने पहली बार अपने 11 न्यूक्लियर कैरियर स्ट्राइक ग्रुप के विमानवाहक पोत में से तीन को एक साथ प्रशांत महासागर में चीनी सीमा के बेहद नजदीक तैनात कर दिया है. जानकारों का मानना है कि चीन का वर्तमान नरम रुख चारों तरफ से बन रहे अंतरराष्ट्रीय दबाव की देन है.
कोरोना संक्रमण के लिए चीन को जिम्मेदार बता रहे अमेरिका ने इस सीमा विवाद में कई बार खुलकर भारत का पक्ष लिया है. अब जानकारी मिल रही है कि करीब 3 साल के बाद ऐसा हुआ है तीन अमेरिकी विमानवाहक पोत प्रशांत महासागर में चीन की सीमा के बेहद नजदीक गश्त कर रहे हैं.
अमेरिका के इस कदम को चीन के लिए कड़ी चेतावनी के तौर पर भी देखा जा रहा है. जानकारों का कहना है कि इनकी तैनाती भारत की सुरक्षा की दृष्टि से भी की गई हो सकती है. बता दें कि दक्षिण चीनी समुद्र में चीन के बढ़ते दखल को रोकने के लिए अमेरिका ने यह तैनाती की है.