- वायरस पर अनुसंधान कर बीरबल साहनी इंस्टीट्यूट के साथ मिलाया हाथ
- सात सौ रूपये से भी कम हो सकती है कोविड-19 परीक्षण सैम्पल की लागत
लखनऊ। बीरबल साहनी इंस्टीट्यूट ऑफ पेलियोसाइंस को कोविड-19 को लेकर चल रहे डायग्नोस्टिक्स एवं खोजों में योगदान देने के लिये रेड क्लिफ लाइफ साइंसेज अपनी सेवायें प्रदान करेगा। उल्लेखनीय है कि विज्ञान और प्रौद्यौगिकी विभाग ने मान्यता प्राप्त बीरबल साहनी इंस्टीट्यूट ऑफ पेलियोसाइंस को सैंपल विश्लेषण केंद्र के रूप में नियुक्त किया है। कोविड-19 के लिये संक्रामक डायग्नोटिक्स परीक्षण सेवायें प्रदान करने के लिये बीरबल साहनी इंस्टीट्यूट ऑफ पेलियोसाइंस के साथ हाथ मिलाने वाली रेडक्लिफ लाइफ साइंसेज के सह-संस्थापक, आशीष दुबे ने कहा हम विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग, भारत सरकार से संबद्ध बीरबल साहनी इंस्टीट्यूट ऑफ पेलियोसाइंस (बीएसआईपी) के नोवल कोरोना वायरस को लेकर चल रहे अनुसंधान में योगदान करके खुश हैं।
अपनी संयुक्त क्षमताओं के साथ, हम महामारी से निपटने की दिशा में एक गेम-चेंजर बनने की उम्मीद करते हैं और इस दिशा में सरकारी प्रयासों की सराहना करते हैं। उत्तर प्रदेश में कई परीक्षण प्रयोगशालाएं नहीं हैं और आबादी के एक बड़े हिस्से में परीक्षण की आवश्यकता को देखते हुए, हम खुद को बुनियादी ढांचे के साथ तैयार कर रहे हैं। हम 15 अप्रैल 2020 के बाद परीक्षण ऑफर करने के लिए तैयार होंगे। एसोसिएशन के हिस्से के रूप में, बीएसआईपी आईसीएमआर दिशा-निर्देशों के अनुसार, बीएसएल-2 और उससे ऊपर के बुनियादी ढाँचे को चलाएगा। संस्था आईसीएमआर दिशा-निर्देशों के अनुसार आरटी-पीसीआर का उपयोग करके कोविड 19 की उपस्थिति और अनुपस्थिति का परीक्षण करने के लिए प्रोटोकॉल भी डिजाइन करेगी।
डॉ. वंदना प्रसाद निदेशक, बीएसआईपी और डॉ. नीरज राय, प्राचीन डीएनए लैब प्रभारी, लखनऊ ने कहा रेडक्लिफ अपनी ओर से, निर्धारित टर्न-अराउंड समय (सैंपल रसीद से गणना) के भीतर एक निर्धारित डायग्नोस्टिक्स परीक्षण करने में मदद करेगा और संक्रामक सैंपलों की जांच में प्रशिक्षित मैन पॉवर का उपयोग करके एक औपचारिक परीक्षण रिपोर्ट जारी करेगा। डॉ.नीरज राय और उनकी टीम के साथ बीएसआईपी में रेडक्लिफ टीम मास ऐरे तकनीक का उपयोग करके बड़ी जनसंख्या का निदान करने के लिए बड़े पैमाने पर स्क्रीनिंग पर काम कर रही है।
एक बार डिजाइन पूरा हो जाने पर विवरण को यथोचित रूप से साझा किया जाएगा। परीक्षणों की लागत प्रति सैंपल एक हजार रूपये से कम होने की उम्मीद है और बड़ी आबादी के लिए यह 700 रूपये से नीचे भी हो सकता है अगर 500 से ज्यादा सैंपलों की जांच एकसाथ की जाती है। रेडक्लिफ बीएसआईपी द्वारा उत्पन्न परीक्षणों के लिए विशेष मूल्य निर्धारण प्रदान करेगा या किसी अन्य ऐसे सरकारी संस्थानों के लिए परीक्षण करते समय आईसीएमआर दिशा-निर्देशों का पालन करेगा। कंपनी सैंपल संग्रह किट (जहां भी आवश्यक हो) के अलावा बीएसआईपी को मैन पॉवर, लॉजिस्टिक्स और आवश्यक अभिकर्मक/ किट भी प्रदान करेगी।
यह आईसीएमआर दिशा-निर्देशों के अनुसार अपशिष्ट प्रबंधन और जैविक सामग्री के निपटान में भी मदद करेगा। यह साझेदारी हाल ही में फैली महामारी के आसपास अनुसंधान में मदद करने की दिशा में रेडक्लिफ के प्रयासों के अनुरूप है और कुछ बेहतरीन संस्थानों को सहयोग करने की भी चर्चा चल रही है जिनमें बीएसएल 2 की सुविधा मौजूद है। डायग्नोस्टिक कंपनी को हाल ही में (बीएसआईपी) के इस अनोखे ट्रिपल पी मॉडल के लिए मंजूरी मिली।