लखनऊ। ड्यूटी के दौरान भारतीय रेल का एक मानवीय पहलू देखने को सामने आया है। 15 मार्च को जब लखनऊ मंडल पूर्वोत्तर रेलवे में कार्यरत राहुल पांडेय (वरिष्ठ मंडल यांत्रिक इंजीनियर) निरीक्षण के लिए लखनऊ से गोंडा जा रहे थे।
सुबह 6:30 बजे रास्ते में घाघरा घाट के आगे एक OMRS (ऑनलाइन मॉनिटरिंग) की साइट है वहां उन्हें घायल अवस्था में रेलवे ट्रैक के पास एक गौवंश दिखाई दिया। यह काफी बुरी हालत में था और ऐसा प्रतीत हो रहा था कि वह ज्यादा देर तक जीवित नहीं रह पाएगा।
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अधिकारी का गोंडा जाना आवश्यक था। अतः उन्हें कुछ नहीं सूझा तो उन्होंने घायल जीव की एक फोटो ले ली और वह लोकेशन अपने आप को व्हाट्सएप कर लिया। जिससे आगे किसी को उसकी मदद के लिए भेजा जा सके।
श्री पांडे ने उस मरणासन्न गौवंश की मदद के लिए तरह-तरह के विकल्प तलाशने शुरू किए। इसके लिए उन्होंने इंटरनेट पर उपलब्ध हेल्पलाइन नंबरों एवं सोशल मीडिया का भी सहारा लिया। अंततः उनकी बात डॉ आलोक कुमार (पशु चिकित्सा अधिकारी जरवल रोड, बहराइच) से हुई।
डॉ आलोक ने इस बात को काफी गंभीरता पूर्वक लिया तथा बताई गई लोकेशन पर सभी मेडिकल समान और स्टाफ के साथ पहुंच गए। बेहद गंभीर अवस्था में पड़े हुए इस घायल जीव का उन्होंने इलाज किया और फोटो तथा रिपोर्ट रेलवे अधिकारी राहुल पांडेय से साझा की। इस प्रकार घायल जीव की जान बचाई जा सकी।
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यह घटना इस बात का प्रतीक है कि दुनिया में अभी भी अच्छे लोग हैं और हम जब संकट में भगवान को याद करते हैं तो भगवान ऐसे लोगों को किसी ने किसी रूप में मदद करने के लिए भेज ही देते हैं। यह घटना हमें ये विश्वास दिलाती है और प्रेरित करती है कि हमें हमेशा भलाई का कार्य करने के लिए प्रयासरत रहना चाहिए।
रिपोर्ट-दया शंकर चौधरी