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एससीओ बैठक के लिए रूस रवाना हुए राजनाथ

नई दिल्ली। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) की एक बैठक में हिस्सा लेने के लिए आज रूस रवाना हो गए। यह बैठक ऐसे समय हो रही है जब संगठन के दो प्रमुख सदस्य भारत और चीन के बीच सीमा को लेकर गतिरोध व्याप्त है।

राजनाथ सिंह चार सितम्बर को होने वाली एससीओ के रक्षा मंत्रियों की बैठक में हिस्सा लेने के अलावा अपने रूसी समकक्ष सर्गेई शोइगू और कई अन्य शीर्ष सैन्य अधिकारियों के साथ द्विपक्षीय सैन्य सहयोग बढ़ाने को लेकर बातचीत भी करेंगे। चीन के रक्षा मंत्री जनरल वेई फेंघे और पाकिस्तानी रक्षा मंत्री परवेज खटक के भी एससीओ की बैठक में हिस्सा लेने की उम्मीद है।

रक्षा मंत्री की यह यात्रा इसलिए अहम है क्योंकि रूस में बहुपक्षीय युद्ध अभ्यास में हिस्सा लेने से भारत के पीछे हटने के कुछ दिन बाद हो रही है। जिसमें चीनी और पाकिस्तानी सैनिकों के भी हिस्सा लेने की उम्मीद है। जून के बाद सिंह की यह दूसरी मास्को यात्रा होगी। उन्होंने 24 जून को मास्को में विजय दिवस परेड में भारत का प्रतिनिधित्व किया था। विजय दिवस परेड का आयोजन द्वितीय विश्वयुद्ध में नाजी जर्मनी पर सोवियत विजय की 75 वीं वर्षगांठ पर किया गया था।

राजनाथ सिंह ने ट्वीट किया, मॉस्को के लिए रवाना हो रहा हूं। इस दौरे पर, मैं शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के रक्षा मंत्रियों की एक बैठक, सामूहिक सुरक्षा संधि संगठन (सीएसटीओ) की बैठक में हिस्सा लूंगा और द्वितीय विश्व युद्ध में विजय की 75वीं वर्षगांठ के उपलक्ष्य में सीआईएस के सदस्यों से मुलाकात करूंगा। उन्होंने कहा कि इस दौरान वह शोइगू के साथ साझा हितों पर चर्चा करेंगे। सिंह ने कहा, भारत और रूस एक रणनीतिक साझेदार हैं। मैं इस यात्रा के दौरान इस साझेदारी को और आगे बढ़ाने को उत्साहित हूं।

रूसी रक्षा मंत्री शोइगू के साथ अपनी द्विपक्षीय बैठक में सिंह रक्षा अनुबंधों के तहत भारतीय सशस्त्र बलों को विभिन्न हथियारों और कलपूर्जों की जल्द आपूर्ति के लिए दबाव डालेंगे। इस वार्ता से उम्मीद है कि दोनों पक्ष भारत में एके 203 राइफल के उत्पादन के काफी समय से लंबित प्रस्ताव को आधिकारिक रूप से अंतिम रूप देंगे। इसके साथ ही राजनाथ सिंह रूसी पक्ष से भारत को एस-400 मिसाइल रक्षा प्रणालियों की समय पर आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए अनुरोध करेंगे। अधिकारियों ने बताया कि एससीओ की बैठक में क्षेत्रीय सुरक्षा परिदृश्य और विभिन्न चुनौतियों एवं खतरों से निपटने के तरीकों को लेकर विचार-विमर्श किये जाने की उम्मीद है।

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