भारतीय रिजर्व बैंक ने गुरुवार को अपनी मॉनिटरी पॉलिसी का ऐलान करते हुए रेपो रेट को 5.15 फीसदी पर अपरिवर्तित रखा। इस साल लगातार पांच बार रेपो रेट घटाने के बाद आरबीआई ने पहली बार इसकी दरों में कोई बदलाव नहीं किया है।
आरबीआई ने चालू वित्त वर्ष की दूसरी छमाही के लिए खुदरा मुद्रास्फीति अनुमान बढ़ाकर 5.1- 4.7 प्रतिशत किया। पिछली मौद्रिक समीक्षा में इसे 3.5 – 3.7 प्रतिशत रखा गया था।
माना जा रहा था कि देश की जीडीपी के वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में घटकर 4.5 प्रतिशत पर आ जाने और इसके पिछली 26 तिमाहियों में सबसे कम रहने के बाद आरबीआई रेपो रेट में कटौती कर सकती है।
लेकिन आरबीआई ने आर्थिक वृद्धि को बढ़ावा देने के लिये नीतिगत रुख को उदार बनाए रखा है।