भारतीय रिजर्व ने अपनी 2019-20 (जुलाई-जून) का सालाना रिपोर्ट जारी कर दी है. जिसमें कहा गया है कि कोविड-19 संकट के कारण आर्थिक गतिविधि प्रभावित हुई है. इससे उत्पादन और सप्लाई चेन प्रभावित हुआ है. लागत में कटौती के कारण खर्चों में कमी आई है. धीमे इन्वेस्टमेंट के कारण और रिफार्म की जरूरत है. धीमी गतिविधियों से अर्थव्यवस्था प्रभावित हुई है.
आरबीआई की 2019-20 की सालाना रिपोर्ट में निवेश बढ़ाने और रिफार्म पर फोकस है. इस रिपोर्ट में आरबीआई ने कहा है कि दूसरी तिमाही में भी आर्थिक गतिविधि पर कोरोना का असर दिखेगा. कोरोना से उत्पादन और सप्लाई चेन डिस्टर्ब हुआ है. सरकारी और निजी खपत बढऩे से रिकवरी आएगी. आरबीआई ने निवेश के लिए रिफार्म को जरूरी बताया है. आरबीआई ने इस रिपोर्ट में 2040 तक इंफ्रा में साढ़े 4 ट्रिलियन डॉलर निवेश की जरुरत बताई है.
इस रिपोर्ट में बताया गया है कि 2019-20 में कुल ग्रॉस इनकम 1.50 लाख करोड़ रुपये रहा है. इस अवधि का कुल ग्रॉस इनकम पिछले साल के इसी अवधि के 1.95 लाख करोड़ रुपए से घटकर 1.50 लाख करोड़ रुपये रही है. 30 जून तक आरबीआई के पास कुल जमा 11.76 लाख करोड़ रूपए थी.
आरबीआई की रिपोर्ट में कहा गया है कि इस अवधि में शहरी इलाकों की खपत में गिरावट दिखी है. शहरों के मुकाबले ग्रामीण मांग बेहतर रही है. खपत सुधरने और स्थितियां सामान्य होने में समय लगेगा. प्रवासी संकट और रोजगार घटने से ग्रोथ पर असर पड़ा है. रिपोर्ट में कहा गया है कि पहले की तरह डिमांड लौटने में समय लगेगा.