शाकाहारी शब्द 1944 में एकबार फिर से सबके सामने आया था। आज के समय में बॉलीवुड एक्टर्स जैसे सोनम कपूर व आमिर खान बिल्कुल शुद्ध शाकाहारी हैं व दूसरे लोगों को भी ऐसा बनने के लिए प्रेरित करते हैं। लेकिन क्या आपको पता है शुद्ध शाकाहारी खाना सामान्य शाकाहारी खाने से थोड़ा अलग होता है। मतलब वेजिटेरियन व वेगन में अंतर होता है। आज यानी 01 नवंबर को दुनिया वेगन दिवस के रूप में मनाया जाता है। शाकाहारी लोग अंडे, मांस व मछली का सेवन नहीं करते लेकिन शुद्ध शाकाहारी (Vegan) लोग उन सभी चीजों का बहिष्कार करते हैं जिनमें अंडे, जिलाटिन व शहद मिला हुआ हो।
पशु उत्पादों को NO
वह दूध से बने हुए कई तरह के उत्पाद अपनी डाइट में शामिल ही नहीं करते। शुद्ध शाकाहारी (Vegan) लोग इन साबुनों, कपड़ों व मेकअप के सामानों का भी प्रयोग नहीं करते जिनमें जानवरों में अवशेष उपस्थित हों। शाकाहारी होना अपेक्षाकृत सरल है क्योंकि इसमें कुछ ऐसे पशु उत्पादों का सेवन कर सकते हैं जो प्रोटीन, विटामिन, खनिज व पौष्टिक वसा जैसे पोषक तत्वों के जरूरी स्रोत हैं। लेकिन एक शुद्ध शाकाहारी उन पशु उत्पादों को भी छोड़ देता है व अपने लिए दूसरे विकल्पों की तलाश करता है।
कई तरह की बीमारियों से मिलता है छुटकारा
शुद्ध शाकाहारी (Vegan) होने से, दिल रोग, rheumatoid arthritis व कुछ खास प्रकार के कैंसर जो पशु वसा से जुड़े हुए हैं, उनके विकसित होने की आसार कम हो जाती है। पशु वसा को अपने आहार से काटकर, शुद्ध शाकाहारी खुद को औद्योगिक रसायनों व विषाक्त पदार्थों से भी बचा सकते हैं।
दूध को छोड़ दूसरा विक्ल्प ढूंढें
शुद्ध शाकाहारी लोग खाना बनाने के लिए किसी भी ऑयल का प्रयोग नहीं कर सकते। उन्हें अपना ज्यादातर खाना ऑलिव तेल में बनाना पड़ता है। यह जरूरी फैटी एसिड प्रदान करता हैं लेकिन कम घनत्व वाले लिपोप्रोटीन (एलडीएल या बेकार कोलेस्ट्रॉल) के स्तर को भी नियंत्रित करता है। कम एलडीएल दिल रोग के जोखिम को कम करता है। आपकी जानकारी के लिए बताते चलें कि अवरुद्ध धमनियों से स्ट्रोक या दिल का दौरा पड़ सकता है। मांसाहारियों व शाकाहारियों की तुलना में शुद्ध शाकाहारी लोग कम कैलोरी का सेवन करते हैं (अधिकांश शुद्ध शाकाहारी भोजन हाई फाइबर वाले होते हैं, इसलिए वह कम खाने पर भी पेट भरा हुआ महसूस करते हैं)। कम कैलोरी से बॉडी मास इंडेक्स (बीएमआई) कम होता है व फैट की चर्बी भी कम होता है। इसलिए शुद्ध शाकाहारी डाइट टाइप 2 डायबिटीज व दिल रोगों के विकास के जोखिम को कम करने में मदद करते हैं।
सप्लिमेंट्स लेने की आवश्यकता नहीं
बी-12 ज्यादातर मांस, अंडे व डेयरी उत्पादों में पाया जाता है। शुद्ध शाकाहारी डाइट में आप या तो बी-12 फोर्टिफाइड खाद्य पदार्थों से या सप्लिमेंट्स से प्राप्त कर सकते हैं। इसी प्रकार, आपको आयरन सप्लिमेंट्स लेने की जरूरत हो सकती है क्योंकि प्लांट-बेस्ड डाइट में पाया जाने वाला आयरन का प्रकार मांसाहारी भोजन में मिलना सरल नहीं है।